तारापुर. सावन पूर्णिमा के पूर्व शुक्रवार को बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है…, टन टनाटन गांजा टान एक टान में बाबाधाम… के नारे के साथ हजारों कांवरिया रिमझिम बारिश के बीच देवघर की ओर रवाना हुए. जबकि डाक बम भी सावन पूर्णिमा के दिन बाबा को जलाभिषेक करने का संकल्प लिये बिना रुके आगे बढ़ रहे थे.
पूरे सावन माह में प्रशासनिक व्यवस्था ने कांवरियों को दी राहत
यूं तो सावन माह में कच्ची कांवरिया पथ पर कांवरियाें की भीड़ लगी रही. प्रशासन भी व्यवस्था को दुरुस्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और शिवभक्तों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने की प्रयास की. बिजली विभाग ने जिस तरह तैयारी की थी, उससे लग रहा था कि कांवरिया पथ में निर्बाध रूप से बिजली मिलेगी, लेकिन बिजली की आंख मिचौनी जारी रही. वहीं स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस महकमा ने पुरी तन्मयता से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया.
हर वर्ष सरकार व्यवस्था में कुछ न कुछ कर रही सुधार
धाेबई टेंट सीटी में आराम फरमा रहे पिरपैंती के विनोद बम कहते हैं कि सरकार की व्यवस्था काफी बेहतर है. झारखंड के देवघर जिला के भठकुन्डी निवासी ब्रह्मदेव गोस्वामी अपने पूरे परिजन के साथ यहां रुके थे. उन्होंने कहा कि मैं तो अकेले कई बार आया हूं और प्रत्येक वर्ष सरकार व्यवस्था में सुधार कर रही है. खासकर कच्ची कांवरिया पथ में बालू का बिछाव बेहतर होने के कारण सुल्तानगंज से चलकर आने के बाद भी बहुत थकान नहीं लग रहा है. पहले तो असरगंज आते-आते रुककर रात्रि विश्राम करना पडता था. टेंट हाउस के बाहर लगे स्वास्थ्य शिविर से कांवरियों को राहत मिल रही है. शिविर में मौजूद चिकित्सक डॉ एसएन महतो ने बताया कि रात्रि में 500 से 600 कांवरिया आते हैं. ज्यादातर कांवरियाें के पैरों में छाला, काछ लगना एवं सर्दी-जुकाम से पीड़ित होते हैं.
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