संग्रामपुर. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के समापन के बाद प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध सभी प्रकार की सुविधाएं हटा ली गयी हैं, लेकिन भादो मास में भी सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा घाट से जल लेकर देवघर तक पैदल यात्रा करने वाले कांवरियों की भीड़ में कमी नहीं आयी है. इस बीच कांवरियों को सरकारी स्तर पर मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और कांवरियों को परेशान होना पड़ रहा है. श्रावणी मेले की भांति भादो महीने में भी कांवरिया पैदल देवघर जा रहे हैं. यात्रा के दौरान कांवरियों को शौच व स्नान जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए निजी दुकानों के पास पैसे खर्च करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी दिक्कत रात के समय होती है. कांवरिया अंधेरे में ही पैदल यात्रा करते हैं और कच्चे कांवरिया पथ किनारे एक भी लाइट नहीं जलती है. सिवान से आये कांवरिया राजकिशोर शर्मा, कमलेश कुमार, और विक्रम कुमार ने बताया कि अंधेरे की वजह से उन्हें मंगलवार की रात गोगाचक में ही रुकना पड़ा. श्रावणी मेला अवधि में कांवरिया पथ पर छह स्वास्थ्य शिविर सक्रिय रहता है. लेकिन भादो माह में सिर्फ केवल मनिया और कुमरसार स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कांवरियों को इलाज कराना पड़ता है, जो शाम 4 बजे के बाद बंद हो जाता है. सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति भी चिंताजनक है. अस्थाई पुलिस शिविर हटा दिया गया है. कांवरियों का कहना है कि भादो मास में भी पैदल यात्रा करने वालों की संख्या कम नहीं होती है, ऐसे में प्रशासन को स्थायी सुविधाओं की व्यवस्था दी जानी चाहिए. फिलहाल कांवरियों की सुरक्षा व सुविधा महादेव के भरोसे है.
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