Operation Sindoor, राणा गौरी शंकर, मुंगेर : कर्नल ठाकुर कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय में शामिल रहे थे और उन्होंने उस जंग में अपनी देश भक्ति व जज्बा को भी प्रदर्शित किया था. वर्तमान में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने कहा कि कारगिल युद्ध और आज के परिस्थिति में भारतीय सेना काफी मजबूत हो चुकी है. उस समय हमारे पास जो हथियार व गोला-बारूद्ध थे तथा ट्रांसपोर्टिंग की जो व्यवस्था थी उस मामले में हम काफी समृद्ध हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि कारिगल युद्ध को भारतीय सेना के अधिकारियों ने लीड किया था और यही कारण रहा कि उसमें 120 अधिकारी शहीद हुए थे. उस युद्ध को मेजर व कैप्टन रैंक के अधिकारी लीड किये थे.

ऑपरेशन पराक्रम ने भारतीय सेना को किया समृद्ध
कर्नल विजय कुमार ठाकुर का कहना है कारगिल युद्ध के बाद जो भारतीय सेना ने ऑपरेशन पराक्रम किया, उसमें हमनें अपनी शक्ति व तकनीक को मजबूत किया है. उसके बाद कोल्ड स्टार सिस्टम की व्यवस्था की गयी. जिसके तहत अब सेना को सीधे बेस कैंप से बार्डर पर भेज दिया जाता है. हमारे पास उच्च कोटी व शक्तिशाली हथियार हैं. जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया है.
कर्नल ठाकुर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो कार्रवाई भारतीय वायु सेना ने किया है. वह बिल्कुल ही टारगेटेड था. अर्थात जिस आतंकी स्थल को टारगेट किया गया, उसी का विध्वंस हुआ है. आस-पास के क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. हमारे फाइटर पायलट ने यह साबित कर दिया कि भारत का उद्देश्य दुनिया से आतंक व आतंकवादी को खत्म करना है.
सैनिकों को करें सेल्यूट, देशभक्ति की कायम रखें जज्बा
कर्नल ठाकुर ने कहा कि न सिर्फ जंग के समय, बल्कि सामान्य समय में भी सैनिकों को सेल्यूट करना चाहिए. जो अपने देश के आन, बान और शान को लेकर हंसते-हंसते युद्ध लड़ते हैं, उनके मन में सिर्फ और सिर्फ देशभक्ति की भावना होती है.
कर्नल ठाकुर ने कहा कि ऐसे समय में जब युद्ध की स्थिति बनी है, तो हमें न सिर्फ सैनिक, बल्कि उन परिवारों को भी प्रोत्साहित व सम्मान का भाव देना चाहिए, जिनके बेटे देश की खातिर बार्डर पर तैनात है. ऐसे समय में आम सिविलियन की भी जिम्मेदारी है कि जहां कहीं भी मौका मिले सैनिक को सहायता प्रदान करें.
उन्होंने इस बात पर दुख भी व्यक्त किया कि जब दुश्मन सामने होता है तभी सैनिक की याद लोगों को होती है. जबकि अमेरिका जैसे देश में जब किसी फ्लाइट में सैनिक सवार होते हैं तो पूरे फ्लाइट में बैठे यात्री उनका खड़े होकर सम्मान करते हैं. वास्तव में सैनिक के प्रति ऐसा सम्मान हमारे अंदर भी होनी चाहिए.
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