– सफाई सामग्री से भरा पड़ा है टाउन हॉल का कमरा, बरामदा और परिसर
मुंगेरनगर भवन (टाउन हॉल) मुंगेर जिले के धरोहरों में से एक है. लेकिन निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण नगर भवन की सुंदरता को ग्रहण लग गया है. हद तो यह है कि जिस सफाई एजेंसी को सफाई के मद में निगम करोड़ों रूपया भुगतान कर रही है, उसने निगम के अधिन संचालित टाउन हॉल के कमरा, बरामदा और परिसर पर कब्जा जमा रखा है. जिसके लिए एजेंसी एक रूपया भी निगम को भुगतान नहीं कर रही है. आखिर किसके मेहरबानी से सफाई एजेंसी को टाउन हॉल का कमरा दिया गया है.
नगर भवन के कमरा व परिसर पर एनजीओ का कब्जा
नगर भवन पर सफाई एजेंसी वालों ने कब्जा कर रखा है. विदित हो कि एजेंसी को सिर्फ नगर भवन परिसर में सफाई मजदूरों की उपस्थित दर्ज कराने के लिए दिया गया था. लेकिन एजेंसी वालों ने धीरे-धीरे नगर भवन को अपना भंडारण केंद्र बना लिया है. नगर भवन के एक कमरे में एजेंसी का कार्यालय संचालित होता है्. जिसमें सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री ब्रह्मदेव महतो बैठते है. जो तथाकथित रूप से एजेंसी के कार्य को देखता है. जबकि सीढी के पास भी सफाई कार्य में उपयोग आने वाली सामग्री रखी हुई है. बरामदे पर भी सफाई सामग्री रखी हुई है. एक बिजली रूम है, उस पर भी इस एजेंसी वालों ने कब्जा कर रखा है. इतना ही नहीं परिसर में भी यत्र-तत्र सामग्री रख कर स्क्रैप सेंटर बना रखा है.
निगम को राजस्व की हो रही क्षति
बताया जाता है कि नगर भवन पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किया गया है. इससे नगर निगम प्रशासन को अठन्नी भी राजस्व के रूप में आमदनी नहीं हो रही है. जबकि निगम प्रशासन सफाई एजेंसी को प्रति वर्ष करोड़ों रूपये भुगतान कर रही है. सूत्रों की माने तो सफाई एजेंसी और निगम प्रशासन के बीच सांठ-गांठ के कारण निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
किरायेदारों को होती है परेशानी
नगर भवन को किराया पर लगा कर निगम प्रशासन राजस्व प्राप्त कर रही है. नगर भवन हॉल और परिसर दोनों किराया पर लगता है. राजनीतिक, साहित्यिक एवं सांस्कृति कार्यक्रम, शादी-विवाह, श्राद्ध भोज और मेला लगाने के लिए इसे किराया पर देकर राजस्व प्राप्त करती है. लेकिन किराया पर नगर भवन को जब लिया जाता है कि सिर्फ हॉल का ही प्रयोग कर पाते है. जब खाना बनाने के लिए जगह की बात होती है, तो खुले में खाना बनाना पड़ता है. शौचालय की स्थिति भी बदहाल है.
कहते हैं नगर भवन प्रभारी
नगर भवन प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि किसके आदेश से कमरे व बरामदे का उपयोग एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. इसकी मुझे जानकारी नहीं है. वरीय अधिकारियों के संज्ञान में मामला है.
कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित ने कहा कि नगर भवन परिसर, कमरा और बरामदा किसी भी एजेंसी को आवंटन नहीं किया गया है. किस परिस्थिति में कमरा उसके कब्जे में है, इसकी जानकारी ली जायेगी.
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