आधे-अधूरे कार्यों के जाल में फंसा मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय अपने दीक्षांत समारोह आयोजन के बीच सीनेट को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना रहा. वहीं अब दीक्षांत समारोह भी राजभवन के आदेश के इंतजार में फंस गया है. ऐसे में अब खुद विश्वविद्यालय अपने ही आधे-अधूरे कार्यों के जाल में उलझता जा रह गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन दीक्षांत आयोजन को लेकर अपने बजट और सीनेट बैठक को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना रहा. तीन माह बाद भी अबतक एमयू अपना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट तक तैयार नहीं कर पाया है. इस बीच अब राजभवन द्वारा भी मौखिक रूप से सूचना देकर छह मार्च को होने वाले दीक्षांत समारोह को मार्च माह के अंत तक के लिए टाल दिया है. ऐसे में अब एमयू सीनेट और दीक्षांत के आधे-अधूरे कार्यों में पूरी तरह उलझा गया है. एमयू जहां अपने सीनेट और दीक्षांत के आधे-अधूरे कार्यों में फंसा है. वहीं अब विश्वविद्यालय के लिए अपने स्टैच्यूटरी कमेटियों की बैठक के साथ सीनेट कराना विश्वविद्यालय के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि स्टैच्यूटरी कमेटियों के निर्णयों को ही सीनेट में रखा जाता है. जिसे सीनेट सदस्य अनुमोदित करते हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए सिंडिकेट, एकेडमिक काउंसिल, एफिलियेशन कमेटी, फाइनेंस कमेटी, न्यू टिचिंग कमेटी सहित लगभग छह कमेटियों की बैठक कराते हुये सीनेट बैठक कराना मुश्किल भरा होगा.
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