मुंगेर.
माता दुर्गा की विसर्जन शोभायात्रा के दौरान शनिवार की दोपहर मूसलाधार बारिश हुई. लेकिन आस्था उस मूसलाधार बारिश पर भारी पड़ा. लेकिन जगह-जगह जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. जिसके कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बावजूद शहर की सड़कों पर खचाखच श्रद्धालुओं की भीड़ माता दुर्गा को विदाई देने के लिए जमी रही. शुक्रवार को अपराह्न 2 बजे शादीपुर से बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा विसर्जन के लिए निकली. परंपरा है कि जब तक बड़ी माता की प्रतिमा का विसर्जन नहीं हो जाता है. तब तक अन्य प्रतिमा कताबद्ध रहेंगी. 26 घंटे से लगातार बड़ी दुर्गा महारानी के साथ श्रद्धालुओं का जनसैलाव चल रहा था. शाम से ही बादल आसमान में उमड़-घुमर रही थी. लेकिन शनिवार की दोपहर मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी. पूजा समिति जहां माता की प्रतिमा के साथ ही कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती की प्रतिमा को बारिश से बचाने के लिए साथ में लाये तिरपाल से ढक दिया. कई पूजा समिति से पारदर्शी प्लास्टिक से सभी प्रतिमा को ढक दिया था. ताकि बारिश से प्रतिमा को नुकसान नहीं हो. जबकि हजारों श्रद्धालु भीगकर भी मुस्कुरा रहा थे और माता की प्रतिमा के साथ चल रहे हैं.जलजमाव से श्रद्धालु और पूजा समिति के सदस्य परेशान
मूसलाधार बारिश के कारण विसर्जन मार्ग सहित अन्य मार्गों में जगह-जगह जलनिकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी. पूरबसराय अंडरब्रिज के एक तरफ जलजमाव के कारण तालाब बन गया था. जबकि पूरबसराय, शाहजुबेर चौक पर भी कुछ देर के लिए पानी जमा हो गया था. साथ ही लिंक पथ, आजाद चौक, राजीव गांधी चौक के समीप, आजाद चौक से नगर भवन मार्ग में भी पानी जमा हो गया था. राज पैलेस होटल के पास माता की दुर्गा मुख्य सड़क पर जाने के लिए खड़ी थी. नगर निगम की ओर से जलनिकासी की ठाेस व्यवस्था नहीं रहने के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई. जिसके कारण श्रद्धालुओं के साथ ही पूजा समिति के लोग परेशान रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

