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अनुमंडल बनने के तीन दशक बाद भी व्यवहार न्यायालय की नहीं हुई स्थापना

वकीलों के लिए वकालतखाना तक नहीं बना.

खड़गपुरवासियों को 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाकर करना पड़ता है न्यायिक कार्य

हवेली खड़गपुर

खड़गपुर को अनुमंडल बने 33 वर्ष बीत गये. बावजूद अनुमंडल को मिलने वाली सुविधाओं में विस्तार नहीं हुआ. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 12 जनवरी 1992 को खड़गपुर अनुमंडल की स्थापना की थी. खड़गपुर अनुमंडल तो बन गया. लेकिन अभी तक यहां वकीलों के लिए वकालतखाना तक नहीं बना. वकालतखाना की अपनी जमीन है पर अपना भवन नहीं. अनुमंडल की भूमि पर एक अस्थायी दलाननुमा भवन में वकालतखाना चल रहा है. इस दलाननुमा भवन का निर्माण वित्तीय वर्ष 1996-97 में तत्कालीन विधायक ने करवाया था. तभी से इसी भवन में खड़गपुर का अनुमंडल वकालत खाना चल रहा है. वहीं व्यवहार न्यायालय की स्थापना नहीं हुई है.

वकालतखाना में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव

वकालतखाना में अधिवक्ताओं और फरियादियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. यहां तक कि कोषागार, जेल, ज्यूडिशियरी, शौचालय व पेयजल की भी सुविधा नहीं है. अनुमंडल बनने के बावजूद एक अनुमंडल की भौतिक एवं आधारभूत सुविधाओं के नहीं रहने से लोगों में असंतोष है. इस बीच कई बार चुनाव हुए और राजनेता भी जीते, लेकिन किसी ने वकालतखाना के विकास की नहीं हो सोची. इस बार के चुनाव में लोग इसे बड़ा मुद्दा के रूप में उठाने की सोच रहे हैं.

दो वर्ष पूर्व मिली व्यवहार न्यायालय भवन निर्माण की स्वीकृति

राज्य सरकार ने पिछले दो साल पहले ही अनुमंडल व्यवहार न्यायालय भवन निर्माण की स्वीकृति दे दी. बावजूद आजतक भवन निर्माण का काम अधर में लटका है. अंचलाधिकारी ने प्रस्तावित चिन्हित जमीन की रिपोर्ट भी जिला मुख्यालय को कई साल पहले ही भेज दी. जिसके बाद कई बार पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण कर चुके हैं. लेकिन व्यवहार न्यायालय के विकास के लिए अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रही है. वर्तमान में वकालतखाना कंबाइंड बिल्डिंग में चल रहा है. अनुमंडल परिसर में एक पुराना भवन था. जिसे नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था.

कहते हैं अधिवक्ता

अधिवक्ता आशीष कुमार, शैलेश कुमार, नवीन मंडल, गणेश तांती, संजय यादव, मनोज झा ने बताया कि कई सरकारें आयी और गई. लेकिन खड़गपुर अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय नहीं बनने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. जबकि व्यवहार न्यायालय की स्थापना नहीं होने से लोगों को 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाकर काम कराना पड़ता है. अगर व्यवहार न्यायालय की स्थापना हो जाय जो खड़गपुरवासियों को यहीं सुविधा मिल जायेगी.

कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी

अनुमंडल पदाधिकारी राजीव रोशन ने बताया कि व्यवहार न्यायालय भवन का निर्माण कब होगा, इसकी जानकारी नहीं है.

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