असरगंज. कड़ाके की ठंड और पछुआ हवा ने लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है. शाम होते ही सड़क सुनी हो जा रही है और लोग अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं. वहीं सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में असरगंज लदौआ मोड़ पर एक महिला इस कड़ाके की ठंड में अपने छह छोटे बच्चों और बुजुर्ग मां के साथ सड़क किनारे बने यात्री शेड में रहने को विवश है. महिला कारी देवी बताती है कि उनके पिता का पहले ही निधन हो चुका है. जिंदगी गुजारने के लिए न ताे जमीन है और न ही घर. कई वर्षों से हमारा परिवार इसी यात्री शेड में जीवन गुजार रहा है. चारों ओर खुला रहने के कारण इस कड़ाके की ठंड में रात गुजारना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि वे कचरे से बोतल, लोहा और प्लास्टिक चुनकर बेचती है और उसी से कुछ पैसे अर्जित कर अपने परिवार का गुजारा करती है. ठंड अधिक बढ़ने पर सड़क किनारे अलाव जलाकर रात गुजार रही हूं. प्रशासन से किसी भी प्रकार की मदद भी नहीं मिल रही है. वहीं सीओ उमेश शर्मा ने बताया कि महादलित टोले के कई भूमिहीन परिवार को गांव से बाहर पर्चा दिया गया था. लेकिन महादलित परिवारों ने उस जगह पर रहने से इनकार कर दिया. नगर पंचायत बनने के बाद पर्चा देने से संबंधित दिशा-निर्देश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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