मुंगेर. जिला परिषद की ओर से बकायेदार स्टॉलधारियों को भेजी गयी तीसरी नोटिस की मियाद भी कई दिन पहले ही खत्म हो गयी है. अब जिप प्रशासन बकायेदार स्टॉलधारियों के लीज रद्दीकरण, स्टॉल खाली कराने के साथ ही बकायेदार पर सर्टिफिकेट केस की तैयारी में जुट गया है. दरअसल, जिला परिषद के 217 स्टॉलधारियों में अबतक 10 प्रतिशत स्टॉलधारियों ने बकाये भाड़े का भुगतान नहीं किया है. जिसके कारण जिला परिषद को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
लंबे समय से नहीं चुका रहे किराये
जिला परिषद अपने आंतरिक आय के स्रोत को बढ़ाने के लिए जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक अपनी जमीन पर स्टॉल का निर्माण कराया है. किला क्षेत्र, सदर प्रखंड कार्यालय के पास श्रीमतपुर पंचायत, तारापुर, खड़गपुर, बरियारपुर, धरहरा, संग्रामपुर और सदर प्रखंड में कुल 217 स्टॉल है. जिसे वर्षों पहले बेरोजगारों को रोजगार के लिए उपलब्ध कराया गया. जिला परिषद का उद्देश्य था कि जिला परिषद की जमीन को अतिक्रमण से बचाया जाए और उस पर स्टॉल निर्माण कर बेरोजगारों को आवंटन कर रोजगार का अवसर पैदा किया जाए. जबकि स्टॉल से आने वाली आय से जिला परिषद के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो सके, लेकिन जिला परिषद के उद्देश्यों पर उनके स्टॉलधारियों ने पानी फेर दिया. वर्षों पहले स्टॉल लिया, लेकिन किराया भुगतान आज तक नहीं किया. जबकि किराये की राशि कहीं 500 तो कहीं 1000 रुपये है. बावजूद इसके उनके किरायेदार किराया देने में आना-काना कर रही है.
डेढ करोड़ से अधिक का भाड़ा बकाया
जिला परिषद से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जिला परिषद की 217 स्टॉल है. जिस पर डेढ करोड़ से अधिक का भाड़ा बकाया है, क्योंकि कोई दो वर्ष तो कोई तीन वर्षों से किराया का भुगतान नहीं कर रहा है. जिला परिषद प्रशासन की ओर से किरायेदारों को लगातार दो नोटिस भेज कर किराया भुगतान करने को कहा गया था, लेकिन किरायेदारों की नींद नहीं टूटी. जब जिप प्रशासन की ओर से तीसरी और अंतिम नोटिस भेजा गया तो लगभग 10 प्रतिशत किरायेदारों ने किश्तों में भुगतान किया, लेकिन 90 प्रतिशत किरायेदार अबतक भाड़ा भुगतान करने में दिलचस्पी नही ले रहे है. तीसरी नोटिस की मियाद भी कुछ माह पूर्व ही खत्म हो गयी. जिसके बाद जिप प्रशासन ने ऐसे हट्ठी दुकानदारों के खिलाफ जहां इकरारनामा को रद्द करते हुए दुकान को खाली कराने की तैयारी कर रही है. वहीं सर्टिफिकेट केस करने की भी तैयारी चल रही है.
आगामी विधानसभा चुनाव के कारण कार्रवाई में विलंब
आगामी दिनों में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 होने वाला है. जिसके कारण जिम्मेदार इनके खिलाफ कार्रवाई करने में हिचक रहे हैं. सूत्रों की माने तो चुनाव में कार्रवाई का असर न पड़े, इसको लेकर कार्रवाई में विलंब हो रही है.
कहते हैं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि जिला परिषद द्वारा 217 स्टॉल बना कर भाड़ा पर दिया गया है, लेकिन दुकानदार किराये नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण हट्ठी किरायेदारों को लगातार नोटिस भेज कर किराये के भुगातान का निर्देश दिया गया है. लेकिन तीसरी नोटिस की मियाद भी खत्म हो चुका है. अब इकरानामा तोड़ते हुए ऐसे किरायेदारों से न सिर्फ स्टॉल खाली कराया जायेगा, बल्कि ऐसे बकायेदारों पर बकाया वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया जायेगा. जिसकी तैयारी की जा रही है.
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