मुंगेर
मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेज वैसे ही लंबे समय से शिक्षकों और कर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं. जबकि अक्तूबर माह में ही विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत लगभग 60 संविदाकर्मियों का सेवाकाल समाप्त हो चुका है. वही अगले पांच दिनों में लगभग 90 अतिथि शिक्षकों का सेवाकाल समाप्त हो जायेगा, लेकिन अबतक एमयू द्वारा न तो अपने अतिथि शिक्षकों के सेवा विस्तार को लेकर कॉलेजों से सीसीआर मांगा गया है और न अबतक संविदाकर्मियों के सेवा विस्तार देने की प्रक्रिया आरंभ कर पाया है. हद तो यह है कि एक ओर जहां एमयू में लंबित कार्यों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है. वही एमयू के कुलपति और कुलसचिव पटना में है. जबकि विश्वविद्यालय इन दिनों प्रभार में चल रहा है.5 दिनों में समाप्त हो जायेगा अतिथि शिक्षकों का सेवाकाल
एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में वर्तमान में लगभग 90 अतिथि शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. हलांकि दिसंबर 2024 में विश्वविद्यालय द्वारा 100 से अधिक अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया था, लेकिन इसमें से कई अतिथि शिक्षकों के चले जाने के बाद अब लगभग 90 अतिथि शिक्षक कार्य कर रहे हैं. जिनके 11 माह का सेवाकाल 1 दिसंबर को समाप्त हो जायेगा, लेकिन अबतक एमयू अपने अंगीभूत कॉलेजोें से इन अतिथि शिक्षकों के सेवा विस्तार को लेकर सीसीआर नहीं मांग पाया है. जबकि नियमानुसार अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार देने के पूर्व विश्वविद्यालय को कॉलेजों से इन अतिथि शिक्षकों का सीसीआर लेना होता है. ऐसे में जब वर्तमान में स्नातक के नये सत्र संचालित हैं और जल्द ही पीजी के नये सत्र की कक्षाएं आरंभ होनी है तो अतिथि शिक्षकोें का सेवाकाल समाप्त होने का असर सीधे विद्यार्थियों पर ही पड़ेगा.एक माह पूर्व समाप्त हो चुका है 60 संविदाकर्मियों का सेवाकाल
एमयू प्रबंधन आये दिन शिक्षकेत्तर कर्मियों की कमी का मामला उठाता है. जिससे कार्य प्रभावित या लंबित होने की बात भी कही जाती है, लेकिन एमयू खुद इसे लेकर पूरी तरह लापरवाह बना है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि कर्मियों की कमी के बीच विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत लगभग 60 संविदाकर्मियों का सेवाकाल अक्तूबर माह में ही समाप्त हो चुका है, लेकिन अबतक एमयू प्रशासन द्वारा इन संविदाकर्मियों के सेवा विस्तार को लेकर कोई प्रक्रिया तक आरंभ नहीं की गयी है. हद तो यह है कि इससे अलग एमयू प्रबंधन अब कॉलेजों से आउटसोर्सिंग पर कर्मियों की नियुक्ति को लेकर सूची मांग रहा है. जिसकी नियुक्ति विश्वविद्यालय स्तर से तो की जायेगी, लेकिन उसका भुगतान कॉलेज के खाता संख्या -1 से किया जायेगा. जिसमें विद्यार्थियों का ट्यूशन फीस जमा होता है.बढ़ रही कार्यों की सूची, प्रभार में विश्वविद्यालय
मुंगेर – एमयू में इन दिनों लगातार कार्यों का दवाब बढ़ता जा रहा है, लेकिन इससे अलग विश्वविद्यालय के दो सबसे बड़े अधिकारी कुलपति और कुलसचिव पटना में हैं. जबकि विश्वविद्यालय का संचालन प्रभार में हो रहा है. बताया गया कि कुलसचिव पिछले तीन दिनों से विश्वविद्यालय में नहीं है. अब ऐसे में जब विश्वविद्यालय के दो सबसे बड़े अधिकारी मुख्यालय में मौजूद नहीं है तो संविदाकर्मियों के सेवा विस्तार का मामला हो या अतिथि शिक्षकों के सेवाकाल को लेकर कॉलेजों से सीसीआर लेना होना. इन कार्यों का लंबित होना वाजिब ही है. हलांकि इसे लेकर कुलपति और कुलसचिव दोनों ही अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ही अधिकारियों से बात नहीं हो पायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

