विश्व में शांति, अमन और भाईचारा का लोगों ने की प्रार्थना
जमालपुर. प्रभु यीशु के आगमन के त्योहार क्रिसमस के मौके पर बुधवार की मध्यरात्रि से ही जमालपुर के गिरजाघरों में उत्सवी माहौल बना रहा. विश्व में शांति, अमन और भाईचारा स्थापित करने की प्रार्थना के साथ क्रिश्चियन समुदाय का क्रिसमस त्योहार संपन्न हुआ. इस दौरान कई गिरजाघरों में गुरुवार की प्रातः क्रिसमस की विशेष पूजा अर्चना और आराधना की गयी.बैप्टिस्ट यूनियन चर्च में बना रहा उल्लास का अद्भुत संगम
अल्बर्ट रोड स्थित ऐतिहासिक बैप्टिस्ट यूनियन चर्च में गुरुवार को क्रिसमस पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. प्रभु यीशु मसीह के जन्म की स्मृति में आयोजित प्रार्थना सभा में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला. चर्च परिसर को रंग बिरंगी लाइट, क्रिसमस ट्री, सितारों एवं फूलों से सजाया गया था. प्रार्थना सभा की शुरुआत सामूहिक प्रार्थना और बाइबल पाठ से की गई. पादरी लाल बिहारी मुखिया द्वारा प्रभु यीशु मसीह के जीवन दर्शन, उनके त्याग, करुणा, प्रेम और मानवता के लिए दिए गए संदेशों पर विस्तार बताया गया. उन्होंने कहा कि पाप के कारण मनुष्य और परमेश्वर की बीच दूरी आ गई थी. यीशु ने अपने जीवन और बलिदान द्वारा इस दूरी को समाप्त किया और मनुष्य को पुनः परमेश्वर से जोड़ने का मार्ग खोला. यीशु ने परमेश्वर के राज्य की घोषणा की. ऐसा राज्य जहां प्रेम, न्याय, शांति और सत्य का शासन हो. यह राज्य मनुष्य के हृदय से आरंभ होता है. क्रिसमस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि मानवता सेवा, क्षमा और आपसी भाईचारे को अपनाने का संदेश है. सभा के दौरान गीतों की मधुर प्रस्तुति हुई. मौके पर नीलिमा शर्मा, एंथोनी जेकब, मिलू जेकब, टेरेसा टुडू, शेरोंन, सुबोध चरण, शालिनी चरण, मोती यादव, निर्मल आदि मौजूद थे.संत जोसेफ चर्च में मध्य रात्रि हुई विशेष पूजा अर्चना
क्रिसमस को लेकर बुधवार की मध्यरात्रि संत जोसेफ कैथोलिक चर्च में प्रार्थना सभा के बाद प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को लोगों ने धूमधाम से मनाया. हजारों श्रद्धालुओं ने ठंड के बावजूद अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस दौरान प्रार्थना सभा की गई और बाइबिल पाठ किया गया. साथ ही क्रिसमस गीत गाये गये. रात्रि 12:00 बजे केक काटा गया. इससे पहले विश्व में शांति, अमन और भाईचारा स्थापित होने की प्रार्थना की गई. फादर जय बालन ने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराया. उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का जन्म इंसान के रूप में पूर्व में हो चुका है. इसके बावजूद भी लोग उनका जन्मोत्सव प्रत्येक वर्ष धूमधाम से मनाते हैं. ऐसा इसलिए कि लोगों को अनुभव हो कि आज भी प्रभु यीशु हम लोगों के बीच हैं. प्रभु यीशु ने क्रूस पर चढ़कर अपना बलिदान देने के बाद भी अमन-चैन और भाईचारे का संदेश दिया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

