मुंगेर सदर अस्पताल खुद बीमार है. यहां रोगियों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. इमरजेंसी वार्ड में निर्धारित दवाएं नहीं मिलती तो ब्लड प्रेशर मशीन भी खराब है. प्रसव वार्ड में फटे बेड पर महिलाएं रहती हैं और नर्स के भरोसे ही इस वार्ड का संचालन होता है. अस्पताल में भरती रोगियों को दवा व भोजन की भी बेहतर व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पा रही.
मुंगेर : सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जहां करोड़ों खर्च कर रही और नये-नये मशीन लगा कर इलाज को सुलभ किया जा रहा. वहीं मुंगेर सदर अस्पताल की बदहाली लगातार बढ़ती ही जा रही है. यहां इमरजेंसी वार्ड में यूं तो 24 घंटे चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराया गया है. किंतु यहां आने वाले मरीजों को बाहरी दवाओं का ही सहारा लेना पड़ता है.
यहां जीवन रक्षक दवा भी उपलब्ध नहीं है. यहां टिटभेक की सूई, आरएल, डीएनएस, डेक्सोना, हेमोस्टेट, एंटी रेबिज तक उपलब्ध नहीं है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों को जरूरी दवाएं बाहर से ही खरीदनी पड़ती है. इतना ही नहीं मरीजों के रक्तचाप मापने की मशीन तक खराब पड़ा है. बावजूद उसी मशीन से मरीजों का रक्तचाप मापा जाता है. इस वार्ड में जो बेड लगे हैं उस पर कभी चादर तक नहीं डाला जाता. खुले बेड पर ही रोगियों का इलाज होता है.
अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध है. यदि कोई मरीज बाहर से खरीदते हैं तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गयी है. इस तरह का मामला पाये जाने पर संबंधित मेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ रामेश्वर प्रसाद महतो, सिविल सजर्न , मुंगेर