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धनतेरस पर आज होगी बाजार में धनवर्षा

मुंगेर : धनतेरस पर आज बाजार में धन की वर्षा होगी. इसे लेकर बाजार पूरी तरह से सज-धज कर तैयार हो चुका है. धनतेरस के दिन महालक्ष्मी के सचिव भगवान कुबेर की पूजन होती है. कुबेर के वरदान से घर में अपार धन के भंडार आते हैं. इनके पूजन के लिए धनतेरस के दिन कई […]

मुंगेर : धनतेरस पर आज बाजार में धन की वर्षा होगी. इसे लेकर बाजार पूरी तरह से सज-धज कर तैयार हो चुका है. धनतेरस के दिन महालक्ष्मी के सचिव भगवान कुबेर की पूजन होती है.

कुबेर के वरदान से घर में अपार धन के भंडार आते हैं. इनके पूजन के लिए धनतेरस के दिन कई उपाय भी किये जाते हैं. धनतेरस पर विभिन्न धातुओं से बने बर्तन, सोना व चांदी खरीदने का बड़ा महत्व होता है. इस दिन धातु का सामान खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि धनतेरस पर दिन के समय या संध्याकाल में अगर खरीदारी की जाये तो तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
दुकानें सजकर तैयार, खरीदारी को उमड़ेगी भीड़ : बाजार में बर्तन, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो मोबाइल सहित अन्य सामानों की दुकानें सज-धज कर तैयार है. शुक्रवार को सुबह से ही इन दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना जतायी जा रही है. दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को आकर्षक तरीके से सजाया है, ताकि ग्राहक उसके दुकानों पर पहुंचे तथा ढ़ेर सारी खरीदारी करें. स्थायी दुकानों के अलावे जिले भर में फुटपाथों व सड़कों के किनारे लगभग 200 से अधिक अस्थायी दुकानें भी लगायी गयी है.
जहां ग्राहकों की काफी भीड़ उमड़ने वाली है. वहीं धनतेरस पर खरीदारी को लेकर ग्राहकों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. कई दुकानों में तो गुरुवार को भी ग्राहकों की भीड़ देखी गयी, जिन्होंने धनतेरस की भीड़ से बचने के लिए एक दिन पहले ही अपने सामानों की बुकिंग करवा ली है, अब वे सिर्फ शुभ मुहूर्त में दुकान जाकर अपने सामान की डिलिवरी लेंगे.
क्यों मनाया जाता है धनतेरस: धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान, अमृत का कलश लेकर धन्वंतरी प्रकट हुए थे.
तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक धनवंतरी के प्रकट होने के ठीक दो दिन बाद मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी. यही कारण है कि हर बार दीवाली से दो दिन पहले ही धनतेरस मनाया जाता है. इस दिन स्वास्थ्य रक्षा के लिए धनवंतरी देव की उपासना की जाती है. इस दिन को कुबेर का दिन भी माना जाता है और धन संपन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है. इस बार धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07.08 बजे से रात 8.14 बजे तक है.
धनतेरस पर कैसे करें पूजा: धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. धनतेरस के दिन कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई चढ़ाना भी शुभ माना जाता है. इस दिन सबसे पहले ‘ॐ ह्रीं कुबेराय नमः’ का जाप करना. इसके बाद ‘धनवंतरी स्तोत्र’ का पाठ करने से बहुत लाभ होता है. पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें.
कौन से उपाय करने से मिलेगा लाभ: धनतेरस के दिन धन्वंतरि का पूजन करना चाहिए.
साथ ही नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर भी उनका पूजन करना चाहिए. इस दिन सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान सहित अन्य स्थानों को श्रृंगारित करना फलदायी साबित होता है. इस दिन लोग मंदिर, गोशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक जलाएं. धनतेरस के दिन धातु का बर्तन, अगर पानी का बर्तन हो तो ज्यादा अच्छा होगा. खील बताशे और मिट्टी के दीपक, एक बड़ा दीपक भी जरूर खरीदें.
चाहें तो अंकों का बना हुआ धन का कोई यंत्र भी खरीद सकते हैं. यथाशक्ति तांबे, पीतल या चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन और जेवर खरीदना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वन्तरी कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए ही इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. विशेषकर पीतल और चाँदी के बर्तन खरीदना चाहिए, क्योंकि पीतल महर्षि धन्वंतरी का धातु है. इससे घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ होता है.

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