Motihari:
मोतिहारी.
सदर प्रखंड के किसानों के बीच इन दिनों यूरिया खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराए जाने के बावजूद किसानों तक इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. नतीजतन प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमलदेव प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को प्रखंड के सभी पैक्स में प्रति 250 बोरा यूरिया खाद भेजा गया है. सरकारी दर 266 रुपये प्रति बोरा तय है. प्रखंड में कुल 16 पैक्स हैं, जिनमें से बरवा, नौरंगिया, टिकुलिया, मधुबनिघाट और बरदाहा पैक्स को छोड़कर सभी पैक्स को खाद भेजा गया है. इसका कारण है कि कुछ पैक्स ने अपना लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराया है जबकि अन्य पैक्स ने अब तक लाइसेंस ही नहीं लिया है. किसानों का कहना है कि आवश्यकता तीन बोरे की होती है, लेकिन उन्हें मुश्किल से एक बोरा ही मिल पा रहा है. इसकी वजह से खेती-किसानी पर असर पड़ रहा है. किसानों ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यूरिया की कालाबाजारी हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार यूरिया खाद का इस्तेमाल खेती के अलावा प्लाई और नौसादर बनाने में किया जा रहा है. ऐसे में वास्तविक किसानों तक खाद की आपूर्ति बाधित हो रही है. इसी कारण बाजार में और किसानों के बीच खाद की कमी हो जा रही है. खाद की कमी का दंश किसानों को अक्सर झेलना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

