– मनरेगा से बना बांध चार जगहों पर टूटा गया – बांध टूटने से 25 – 30 एकड़ में फसल प्रभावित – बांध टूटने से प्रशासनिक तैयारी की खुली पोल बंजरिया. प्रखंड की फुलवार उत्तरी पंचायत के घोड़मरवा गांव के समीप नेपाल से निकलने वाली दुधौरा नदी का दाहिना बांध शनिवार देर रात भारी बारिश के कारण टूट गया. तटबंध टूटने से आसपास के किसानों की करीब 25 – 30 एकड़ से अधिक में लगी धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में मिट्टी और बालू भर गए हैं. नेपाल व भारतीय क्षेत्राें में शुक्रवार देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण पहले से कमजोर दुधौरा नदी का दाहिना तटबंध पानी के दबाव में टूट गया. इसके बाद पानी फुलवार उत्तरी पंचायत के घोड़मरवा, हड़वा टोला, बढ़ईया टोला, बकुलहारा, फुलवार दक्षिणी के सेमरहिया, रोहिनिया, झीटकहिया सहित अन्य इलाकों में तेजी से फैल रहा है. ग्रामीण ने बताया कि बांध शनिवार देर रात में टूटी है. इसके बाद हडवा टोला का संपर्क टूट गया है और वह चारों तरफ से पानी से घिर गया है. बताया कि बांध टूटे 12 घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मी अभी तक उसे बांधने या देखने तक नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि उक्त बांध कमजोर होने का सूचना कई बार अधिकारियों को पूर्व में दी जा चुकी थी. लेकिन समय रहते उसका मरम्मत नहीं कराया जा सका. नतीजन बांध टूट गया और हम लोगों का तैयार धान का फसल पूरी तरह नष्ट हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2022 में उक्त बांध का मरम्मत मनरेगा विभाग के द्वारा किया गया था, उसके बाद से मरम्मत कार्य नहीं हुआ है. इस संबंध में सीओ रोहन रंजन सिंह ने बताया कि घोड़मरवा गांव के समीप दुधौरा नदी का बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि विभाग को मरम्मती के लिए सूचना दे दी गई है. टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है. उन्होंने ग्रामीणों से अलर्ट रहने और प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतने का आग्रह किया. बाढ़ से निपटने की तैयारी को ले हुई थी बैठक दुधौरा नदी का बांध टूटने से प्रशासन की बाढ़ पूर्व तैयारियां का पोल खुल गई है. बीते 16 जुलाई बंजरिया अंचल कार्यालय के सभागार में बाढ़ पूर्व तैयारियां को लेकर बैठक हुई थीं. बैठक में जल निस्सरण विभाग के तीन इंजीनियर के साथ बीडीओ, सीओ सहित अन्य पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि शामिल थे. जिसमें बांध की मरम्मत को लेकर सवाल उठाया गया था, सूत्रों के माने तो अंचल से कई बार विभाग को बांध मरम्मत को लेकर पत्र भेजा गया, लेकिन इंजीनियर से लेकर अधिकारी तक कान में तेल डालकर सोए थे. इसका नतीजा यह हुआ कि दुधौरा नदी का बांध करीब चार जगहों पर शनिवार देर रात में टूट गया.
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