Motihari: पीपराकोठी. स्थानीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अंतर्गत चल रहे ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे) कार्यक्रम के तहत छात्रों ने पूर्वी चंपारण जिले के मणि छपरा गांव का सर्वेक्षण किया. यह कार्यक्रम डॉ. ए.के. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके पीपराकोठी तथा डॉ. गायत्री कुमारी पाधी, एसएमएस पादप संरक्षण (कीटविज्ञान) के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है. इस गांव संलग्नता कार्यक्रम में छात्र सोनल गुप्ता मैडम के साथ जुड़े रहे. सर्वेक्षण के दौरान छात्रों ने किसानों से संवाद किया और उनकी कृषि पद्धतियों के बारे में अनुभव प्राप्त किया. वर्तमान मौसम में गांव में मुख्य रूप से मक्का, धान और बाजरा की खेती की जा रही है. किंतु किसानों को नीलगाय जैसे जंगली जानवरों से फसल क्षति और सिंचाई व्यवस्था के अभाव जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके अतिरिक्त, बटाईदार किसान अब भी यंत्रीकृत खेती की पद्धतियों से वंचित हैं, जिससे उनकी उत्पादकता सीमित रहती है. फसल उत्पादन के साथ-साथ मनिचापरा के किसान पशुपालन की ओर भी झुकाव रखते हैं, जो ग्रामीण आजीविका को टिकाऊ बनाए रखने में महत्वपूर्ण है. सर्वेक्षण से छात्रों को किसानों की वास्तविक समस्याओं और कृषि सुधार एवं ग्रामीण विकास के संभावित क्षेत्रों को समझने का अवसर प्राप्त हुआ.
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