Motihari: रक्सौल . खाने के पानी की कमी से फैले हैजा पर वीरगंज महानगरपालिका ने पूरा तंत्र लगाकर नियंत्रण पा लेने का दावा किया है. स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और सुरक्षाकर्मियों के लगातार प्रयास से हैजा कम समय में काबू में आया है. हालांकि, हैजा नियंत्रण के साथ ही जेन-जी आंदोलन के दौरान महानगरपालिका को लूटपाट, चोरी, तोड़फोड़ और आगजनी की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. इन घटनाओं से नगर को अपूरणीय क्षति हुई है. वीरगंज के मेयर राजेशमान सिंह के प्रेस सलाहकार नवराज फुयाल ने बताया कि नगर की साझा सम्पत्ति, कार्यालय और सड़क किनारे के ढाँचे जला दिए गए. यहाँ तक कि मेयर सिंह का निजी घर भी आगजनी में पूरी तरह राख हो गया. कठिन और व्यक्तिगत पीड़ा के इस समय में भी मेयर सिंह ने नगर को प्राथमिकता देते हुए कहा, मेरा घर तो फिर से बनाया जा सकता है, लेकिन पूरा नगर ध्वस्त हुआ है, उसका पुनर्निर्माण ही हमारी पहली जिम्मेदारी है. उन्होंने पूरे तंत्र को सफाई और व्यवस्था सुधार अभियान में लगातार जुटे रहने का निर्देश दिया है. महानगर ने चेतावनी दी है कि हैजा काबू में होने के बावजूद इसके फिर से फैलने का खतरा बना हुआ है. इसलिए मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए फॉगिंग, नालों की सफाई, दूषित पानी के स्रोत बंद करने और प्रभावित इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. साथ ही, आंदोलन में जले ढांचों का मलबा हटाने, तोड़ फोड़ हुए सार्वजनिक स्थलों को दुरुस्त करने और अस्त-व्यस्त सड़कों-गलियों की सफाई का काम तेज़ी से चल रहा है. कर्फ़्यू के बीच भी सफाईकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. फुयाल के अनुसार, मेयर श्री सिंह ने कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए कहा, मेरे घर से बड़ा घर यह नगर है, इसे फिर से संवारना ही हम सबकी साझा जिम्मेदारी है. साधन-संसाधनों की कमी, व्यक्तिगत क्षति और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वीरगंज महानगरपालिका पुनर्निर्माण और सफाई अभियान को दृढ़ता से आगे बढ़ा रही है.
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