Motihari: मोतिहारी. कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक लगाने को ले पूर्वी चंपारण जिला के 27 प्रखंडों में खुलेंगे 81 पौधा संरक्षण पाठशाला. यानि एक प्रखंड में तीन पौधा संरक्षण पाठशाला होगा, जहां किसानों को कीट एवं रोग नियंत्रण, बीज उपचार, जैविक खेती और पर्यावरण संतुलित कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि हो और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक लगे. प्रत्येक पाठशाला में 25 किसानों को चयनित कर खरीफ एवं रबी सीजन की एक-एक फसल पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. गौरतलब हो कि कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत पौधा संरक्षण परामर्श योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को समेकित कीट प्रबंधन आधारित वैज्ञानिक तरीकों से फसलों की सुरक्षा के उपाय सिखाना और उत्पादन लागत कम करते हुए फसल की गुणवत्ता एवं उत्पादन में वृद्धि करना है. इस योजना के तहत पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर पौधा संरक्षण चलाया जायेगा, जहां किसानों को कीट एवं रोग नियंत्रण बीज उपचार आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
चयनित गांवों के किसानों को दी जाएगी प्राथमिकता
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक प्रखंड में तीन पाठशाला खोलना है. चयनित पंचायतों में ऐसे गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां पिछले तीन वर्षों से पौधा संरक्षण पाठशाला नहीं चलाया गया हो. साथ ही महिला किसानों और अनुसूचित जाति, जनजाति के किसानों को विशेष रूप से वरियता दी जाएगी.एक पाठशाला के संचालन में खर्च 26 हजार
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक पाठशाला के संचालन पर 26170 रुपया का व्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें बीज एवं उर्वरक सामग्री, प्रशिक्षण मानदेय, प्रचार-प्रसार और अन्य आवश्यक उपकरणों का खर्च शामिल है.क्या कहते हैं अधिकारी
इस पहल से किसानों में वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी. कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक लगेगी और फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी.सुशील कुमार सिंह, पौधा संरक्षण पदाधिकारी, माेतिहारी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

