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बिहार के बैंकों में पड़ा हुआ है 250 करोड़ से अधिक अनक्लेंड मनी, 71 खातों में ही हैं 42 करोड़

रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अनक्लेम मनी वाले खाताधारक का पता खोज कर उन्हें या उनके नॉमनी को राशि वापस करने के लिए बैंकों से विशेष अभियान चलाने के लिए कहा है. इसके लिए रिजर्व बैंक ने उद्गम योजना की शुरुआत की है.

रिपोर्ट: कैलाशपति मिश्र

पटना. बिहार के बैंकों की शाखाओं में हजारों की संख्या में ऐसे खाते हैं,जिनमें पिछले 10 वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है. इन बैंक खातों में करीब 250 करोड़ से अधिक अनक्लेंड मनी है.इसमें से बड़ी राशि 71 खातों में ही करीब 42 करोड़ पड़ा हुआ है.दिलचस्प यह है कि इसमें राज्य सरकार के 47 बैंक खातों में करीब 32 करोड़ अनक्लेम मनी के रूप में वर्षों से पड़ा हुआ है.अगर देश की बात करें, तो बैंकों में अनक्लेंड राशि 35 हजार करोड़ के करीब है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अनक्लेम मनी वाले खाताधारक का पता खोज कर उन्हें या उनके नॉमनी को राशि वापस करने के लिए बैंकों से विशेष अभियान चलाने के लिए कहा है. इसके लिए रिजर्व बैंक ने उद्गम योजना की शुरुआत की है.

अनक्लेंड मनी ढूंढ़ने के लिए रिजर्व बैंक का उद्गम पोर्टल

भारतीय रिजर्व बैंक ने अनक्लेंड मनी ढूंढ़ने के लिए उद्गम पोर्टल (अनक्लेंड डिपोजिटस-गेटवे असेस इन्फॉर्मेंशन) लॉन्च किया है. यह पोर्टल आम लोगों के लिए लॉन्च किया है, जहां एक ही जगह पर उन्हें कई बैंकों में जमा लावारिस राशि में अपनी राशि को ढूंढ़ने में आसानी होगी. अनक्लेंड अमाउंट यानी लावरिस राशि को सही उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने के लिए आरबीआइ ने यह पोर्टल लॉन्च कर दिया है.इसका उद्देश्य अनक्लेंड राशि को उनके सही खाताधारक या उसके नॉमनी तक पहुंचाना है.

अनक्लेम्ड अमाउंट क्या है?

रिजर्व बैंक के अनुसार डिपॉजिट अकाउंट के अमाउंट को अनक्लेम्ड या लावारिस तब माना जाता है जब उस पर 10 साल या उससे अधिक समय तक धन जमा करने या विड्रॉल करने की कोई गतिविधि नहीं हुई हो. अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट की बढ़ती संख्या मुख्य रूप से जमाकर्ताओं द्वारा अपने चालू या बचत खातों को बंद करने में विफल रहने के कारण होती है. दरअसल, जब ग्राहक खातों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं या मेच्योरिटी एफडी को भुनाने की अपनी इच्छा के बारे में बैंकों को सूचित नहीं करते हैं या फिर जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी नहीं होता है, तो ऐसे में परिजन या कानूनी उत्तराधिकारी बैंकों से उस अमाउंट का दावा करने में विफल रहते हैं.

अभी तक कौन-कौन से बैंक पोर्टल पर लिस्ट हुए

फिलहाल आरबीआइ के उद्गम पोर्टल पर सात बैंकों से अपनी लावारिस जमा राशि के बारे में उपभोक्ता जानकारी देख सकते हैं. अन्य बैंकों को 16 अक्तूबर, 2023 तक पोर्टल पर जोड़ लिया जायेगा. जो बैंक फिलहाल पोर्टल पर लिस्टेड हैं, उनमें एसबीआइ, पीएनबी, सीबीआइ, धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड,साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड,डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड और सिटी बैंक हैं.

क्या कहते हैं रिजर्व बैंक के अधिकारी

भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक संजीव दयाल ने कहा कि पूरे देश समेत बिहार के हजारों बैंक खाते में करोड़ों की अनक्लेंड राशि पड़ी हई है,जिसमें बिहार सरकार के 47 बैंक खातों में 32 करोड़ पड़ा हुआ है. रिजर्व बैंक ऐसे खाताधरकों को खोज कर उनकी राशि उन्हें या उनके नॉमनी को देने का निर्देश बैंकों को दिया है.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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