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मिथिला में नेशनल एग्रो कॉरिडोर स्थापना की संभावना तलाशेगा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय

दरभंगा : कृषि क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं को नया आयाम देने के लिए ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तर्ज पर नेशनल एग्रो कॉरिडोर की स्थापना किये जाने संबंधी विद्यापति सेवा संस्थान के प्रस्ताव पर नीति आयोग ने संज्ञान लिया है.

दरभंगा : कृषि क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं को नया आयाम देने के लिए ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तर्ज पर नेशनल एग्रो कॉरिडोर की स्थापना किये जाने संबंधी विद्यापति सेवा संस्थान के प्रस्ताव पर नीति आयोग ने संज्ञान लिया है.

प्रस्ताव को अग्रेतर कार्यवाही के लिए नीति आयोग ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को अग्रसारित कर दिया है. नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ नीलम पटेल ने संस्थान के महासचिव को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है.

विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत में सर्वाधिक रोजगार के अवसर कृषि क्षेत्र में है. कृषि की उन्नति से बहुआयामी सकारात्मक प्रभाव पड़ना निश्चित है. बिहार और मिथिला क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी, अनुभवी व मेहनती किसानों के साथ-साथ दर्जनों नदियां हैं. बस, इसे सुव्यवस्थित करने की जरूरत है.

कहा कि बिहार में हॉर्टिकल्चर की अपार संभावनाएं हैं. ऐसे में कृषि बाजार में उदारीकरण के लिए पारित बिल हमारे उत्पाद को देश भर के बाजार में लाभ दिलाने में सक्षम है. ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर जैसी आधारभूत संरचनाओं से कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार की संभावना जगी है.

इस दिशा में नेशनल एग्रो कोरिडोर की स्थापना से इन संभावनाओं को बल मिलना निश्चित है. संस्थान की ओर से तकनीकी मसौदा तैयार करने वाले अर्थशास्त्री डॉ अनिल कुमार झा ने कहा कि नेशनल एग्रो कॉरिडोर एक ऐसी परिकल्पना है, जिससे ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के समीपवर्ती इलाके में आधुनिक कृषि की संभावनाओं को काफी बल मिलेगा. नीति आयोग की त्वरित कार्यवाही पर मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, तकनीकी संयोजक आशीष चौधरी आदि ने खुशी जतायी है.

posted by ashish jha

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