17.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार के मिथिलांचल में मखाने की पैदावार सबसे अधिक, जलजमाव वाली भूमि भी किसानों के लिए उगल रही सोना

उत्तर-पूर्वी बिहार को मखाने के लिए ही दुनिया भर में जाना जाता है.मखाने की सबसे ज्यादा पैदावार यहीं होती है. बिहार में 80 से 90 प्रतिशत मखाना उत्पादन होता है. मखाना के उत्पादन में 70 प्रतिशत हिस्सा मधुबनी और दरभंगा का है.

उत्तर-पूर्वी बिहार को मखाने के लिए ही दुनिया भर में जाना जाता है.मखाने की सबसे ज्यादा पैदावार यहीं होती है.बिहार सरकार की ओर से भी मखाने की खेती को बढ़ावा दिया जाता है. मिडीया रिपोर्ट के अनुसार देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के 100 में से 90 देशों के लोग उत्तर-पूर्वी बिहार में पैदा होने वाले मखानों को खाने में पसंद करते हैं. बिहार में 80 से 90 प्रतिशत मखाना उत्पादन होता है. मखाना के उत्पादन में 70 प्रतिशत हिस्सा मधुबनी और दरभंगा का है.यहां लगभग 120,000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40,000 टन मखाने का लावा प्राप्त होता है.

मखाना को कमल का बीज भी बोलते हैं

मखाना को आम बोलचाल की भाषा में कमल का बीज भी बोलते हैं. यह ऐसी फसल है जिसे पानी में उगाया जाता है. बिहार के मधुबनी और दरभंगा में बड़े स्तर पर इसकी खेती की जाती है.बिहार सरकार द्वारा मखाना विकास योजना को दिसंबर 2019 में लांच किया गया था. इस योजना को बिहार के इन नौ जिलों में संचालित किया जा रहा है.बिहार के दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, सुपौल और समस्तीपुर जिलों में मखाने की सबसे ज्यादा पैदावार होती हैं.देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है.

मखाने की सबसे अधिक खेती मिथिलांचल में

मधुबनी और दरभंगा में मखाना की खेती को बढ़ावा देने और देश-विदेश में इसकी ब्रांडिंग और बिक्री बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार की ओर से कई स्तरों पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. मिडीया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मखाना के कुल उत्पादन में 2006 से लेकर अभीतक पांच गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है.मखाने का प्रयोग व्रत का फलाहार या नमकीन में किया जाता है.मखानों में कैल्शियम मैग्नीशियम प्रोटीन पाया जाता है. मखाने ग्लूटेन फ्री होते हैं. इसलिए जिनको ग्लूटेन से एलर्जी होती है. वह भी मखानों का सेवन कर सकते हैं.

मखाना खाने से होनेवाले फायदे

मखाने में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा काफी कम होती है ,इसलिए यह सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.मखाने में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है.मखाना खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. डायबिटीज रोगियों के लिए मखाना एक अच्छा फूड माना गया है.

मखाना औषधीय गुणों से भरपूर

मखाने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं.शरीर में पोषक तत्व की कमी भी दूर होती है.मखाने में कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं. मखाने में हेल्दी फैट, फॉस्फोरस, विटामिंस और कैलोरी भी भरपूर मात्रा में मिलता है.

जलजमाव वाली भूमि के लिए वरदान है मखाना की खेती

बिहार में सालों भर पानी के जमाव में बेकार दिखने वाली जमीन मखाना की खेती के लिए उपयुक्त साबित हो रही है.हर साल बाढ़ का दंश झेलने वाले बिहार में जलजमाव वाली जमीन को भी मखाना की खेती उपजाऊ बना देती है.मखाना का पौधा जल के स्तर के साथ ही बढ़ता है.बड़ी जोत वाले किसान अपनी जमीन को मखाना की खेती के लिए लीज पर देने लगे हैं. इसकी खेती से बेकार पड़ी जमीन से अच्छी आय किसानों को हो जाती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel