8.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Madhubani : स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 : सिटीजन फीडबैक पर मिलेंगे दोगुने अंक

केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के लिए टूल किट जारी कर दी है.

बढ़ा चढ़ा कर दावा किया तो कटेंगे नंबर कचरा प्रबंधन, दृश्य स्वच्छता व फील्ड एसेसमेंट पर खास जोर मधुबनी . केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के लिए टूल किट जारी कर दी है. इस बार कचरा प्रबंधन, सिटीजन फीडबैक, दृश्य स्वच्छता व फील्ड असेसमेंट पर खास जोर है. साथ ही सुपर स्वच्छ लीग व सफाई मित्र सुरक्षा जैसे नये पहलू इसमें शामिल किये गये है. इस बार ध्यान देने वाली बात यह है कि नागरिकों के फीडबैक को अधिक महत्व दिया जायेगा. इस पर दोगुने अंक मिलेंगे. लेकिन बढ़ा-चढ़ाकर दावा करना मुसीबत बन सकता है, क्योंकि गलत डेटा पर पेनाल्टी में अंक कटेंगा. 12,500 अंकों के आधार पर होगी शहरों की रैंकिंग आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा टूल किट जारी कर दिया गया. इस बार की थीम ””””””””स्वच्छता की नयी पहल-बढ़ाएं हाथ, करें सफाई साथ”””””””” रखा गया है. इस बार शहर की रैंकिंग 12,500 अंकों के आधार होगी. स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार 10 प्रमुख सेक्शन, 54 इंडिकेटर व 166 सब-इंडिकेटर शामिल किये गये हैं. इनमें दृश्य स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, अपशिष्ट जल प्रबंधन, स्वच्छता तक पहुंच, सफाई कर्मियों का कल्याण, शिकायत निवारण व जनभागीदारी जैसे अहम पहलू शामिल है. अंक का मूल्यांकन तीन तरह से बांटा गया है. इसमें ओडीएफ वाटर के लिए एक हजार अंक, गार्बेज फ्री सिटीज के लिए एक हजार अंक व ग्राउंड असेसमेंट और सिटीजन फीडबैक के लिए 10,500 , अंक निर्धारित किये गये हैं. ग्राउंड असेस्मेंट व सिटीजन फीडबैक को भी चार फेज में बांटा गया है. चारों फेज में सर्वे के बाद अंक दिए जायेंगे. पाना है बेहतर नंबर, तो इन पर करना होगा काम साल 2025 के लिए अलग-अलग कर कचरा प्रोसेस करना नगर निगम के लिए चुनौती है. शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह व्यवस्था बदहाल है, खासकर विस्तारित एरिया में इस पर विशेष फोकस करने की जरूरत है. तभी बेहतर नंबर मिल पायेगा. सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता बेहतर बनाने के लिए काम करना होगा. निगम की टीम को सड़क पर कचरा फेंकने वालों को चिह्नित कर जागरूक करते हुए सार्वजनिक रूप से शहर को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाना जरूरी है. दृश्य स्वच्छता, ठोस कचरा प्रबंधन व स्वच्छता जागरूकता पर 15-15 सौ अंक निधर्धारित किए गए हैं. वहीं कचरा संग्रहण, स्वच्छता सुविधाएं, अपशिष्ट जल प्रबंधन और संस्थागत व्यवस्था पर एक-एक हजार अंक मिलेंगे, जबकि डी-स्लजिंग सेवाओं, सफाई कर्मियों के वेलफेयर और नागरिक फीडबैक पर पांच-पांच सौ अंक तय किए गये हैं. सिटिजन फीडबैक व शिकायत निवारण की मार्किंग दोगुनी इस बार सिटिजन फीडबैक एवं शिकायत निवारण की मार्किंग को दोगुना किया गया है. पिछले साल 500 नंबर की मार्किंग की जाती थी. जबकि इस बार एक हजार नंबर पर मार्किंग होगी. पहले दो चरणों में फोन कर नागरिकों का फीडबैक लिया जाता है. तीसरे चरण में डेस्कटप असेसमेंट का काम किया जायेगा, जबकि, चौथे चरण में ऑन फील्ड असेसमेंट किया जायेगा. जानकारी के अनुसार केंद्र की टीम मार्च 2026 में फील्ड असेसमेंट शुरु कर देगी. इस बार सर्वेक्षण में पर्यटन स्थलों व अधिक भीड़ वाले क्षेत्रों की स्वच्छता पर विशेष फोकस किया गया है. प्रमुख बाजार क्षेत्रों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई व्यवस्था सीधे रैंकिंग को प्रभावित करेगी. डंपिंग यार्ड तो है पर कचरा प्रबंधन नहीं नगर निगम के पास डंपिंग यार्ड तो है तो लेकिन कचरा प्रबंधन का विशेष इंतजामनहीं है. मधुबनी में एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाने की योजना है. जो शहर के स्थित डंपिंग यार्ड में बनना है, ताकि सूखे कचरे का निस्तारण हो सके. लेकिन यह योजना अब तक फाइले में दम तोड़ रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel