मधुबनी. श्रम अधीक्षक दिनेश कुमार के निदेश पर मधुबनी के सभी अनुमंडल क्षेत्र में श्रम संसाधन विभाग के तत्वावधान में धावा-दल ने बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए छापेमारी की. जयनगर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अश्वनी राज ने बताया कि छापेमारी के क्रम मे जयनगर से 3 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया. जिसमे खान सर्विस स्टेशन से 1, दानिस बेल्डिंग वर्क शॉप से 1 और वाशिंग एंड टायर सेंटर से 1 बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया. विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति मधुबनी के समक्ष उपस्थापित किया गया. वहीं, आरोपित नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थाना में प्राथमिक दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक 20 हजार रुपये की दर से जुर्माना जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कल्याण कोष में जमा कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 3 एवं 3 ए के उल्लंघन के विरुद्ध उनसे 20 हजार से 50 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है. उन्होंने बताया नियोजक द्वारा बाल श्रमिकों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की दर से कम भुगतान करने के विरुद्ध 10 गुना मुआवजा के साथ दावा पत्र संबंधित न्यायालय में दायर किया जाएगा. धावादल टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अश्विनी कुमार, गोविंद कुमार, हितेश कुमार, भार्गव कुमार, अभिषेक कुमार, सिद्धार्थ कुमार, , सर्वों प्रयास संस्था के प्रतिनिधि रत्न कुमारी शामिल थे. श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम के अंतर्गत गैर कानूनी है. वित्तीय वर्ष 2025-26 मे मधुबनी जिले मे विभिन्न नियोजनो मे कार्यरत अबतक 23 बाल श्रमिको को विमुक्त कराया जा चुका है. उनके पुनर्वास की प्रक्रिया की जा रही है. बाल श्रमिको के विमुक्ति के लिए धावा दल का संचालन आगे भी जारी रहेगा.
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