मधुबनी. गर्मी के दस्तक देते ही जिले में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगी है. फरवरी महीने में ही भूजल स्तर में गिरावट शुरू होने के कारण इस बार पेयजल की समस्या और अधिक बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. पेयजल की समस्या से निपटने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. विभाग ने 11 प्रखंडों में खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. विभाग के सहायक अभियंता गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अभी ग्रामीण क्षेत्र में भूजल स्तर बहुत ही कम नीचे गया है. जिसके कारण साधारण चापाकल पानी दे रहा है. लेकिन शहरी क्षेत्रों में कई जगह साधारण चापाकल दिन में पानी देना कम कर दिया है. खराब पड़े चापकलों को दुरुस्त करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने चार मिस्त्री की टीम का गठन किया है. उन्होंने कहा कि चापकल में खराबी की शिकायत मिलते ही वहां मिस्त्री भेजा जाता है. शहर में कई जगह एमआई 2 व 3 चापाकल में खराबी की शिकायत मिली है. जिसे दुरुस्त करने के लिए मिस्त्री को भेजा गया है. साधारण चापाकल में जीविया, वासर, हैंडल, फिल्टर दुरुस्त करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के 27 हजार साधारण चापाकलों में से 25 हजार चापाकल दुरुस्त है. जबकि 1500 चापाकल ऐसा है जिसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है. वहां एमआई 2 व एमआई 3 चापाकल लगाया गया है. जबकि साधारण दोष के कारण बंद पड़े चापाकल को दुरुस्त किया जा रहा है. नल-जल योजना को व्यवस्थित करने के लिए पाइप लाइन बोरिंग लगाया जा रहा है. सभी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए विभाग संवेदक बहाल कर रही है.
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