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Madhubani News : पछिया हवा की रफ्तार ने बढ़ाई ठंड, सर्दी खांसी बुखार के मरीजों बढ़ी संख्या

पिछले दो-तीन दिनों से कुहासा व पछिया हवा की रफ्तार ने ठंड बढ़ा दी है.

मधुबनी.

पिछले दो-तीन दिनों से कुहासा व पछिया हवा की रफ्तार ने ठंड बढ़ा दी है. साथ ही पारा 30 से लुढ़क कर 28 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. मौसम विभाग की ओर से जारी पिछले सात दिनों के तापमान पर गौर करें, तो रविवार को 30 डिग्री, सोमवार को 30, मंगलवार को 30, बुधवार को 32, गुरुवार को 31, शुक्रवार को 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जिसके कारण सर्दी, खांसी, बुखार, दमा व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. अस्पताल में चिकित्सक मरीजों को आवश्यकतानुसार इलाज व परामर्श दिया जा रहा है. चिकित्सकों ने कहा कि मौसम में हो रहे बदलाव से मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है. ठंड के कारण सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में ठंड से राहत के लिए वार्मर लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है. ताकि ठंड के मौसम में भर्ती मरीजों को राहत मिल सके.

500 मरीजों का किया गया पंजीकरण

मौसम में तब्दीली एवं 7.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा के कारण ठंड का प्रभाव बढ़ने लगा है. जिसके कारण सदर अस्पताल में ठंड से प्रभावित मरीजों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है. शनिवार को ओपीडी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से 500 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में लगभग 150 मरीजों का इलाज किया गया. इसमें सबसे अधिक सर्दी, खांसी, वायरस बुखार, बीपी व दमा के मरीज शामिल रहे. स्त्री एवं प्रसूति विभाग के 140 मरीजों का इलाज डाॅ. रागिनी ने किया, जबकि सबसे अधिक 167 मरीजों का इलाज डॉ. राजीव रंजन ने आर्थो ओपीडी में किया गया. इसके अलावे शेष मरीजों में डेंटल, आई व अन्य मरीज शामिल रहे.

डायरिया से बचाव के लिए करें यह काम

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए टीकाकरण, ओआरएस व जिंक सदर अस्पताल में प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है. 28 दिनों तक के नवजात शिशुओं को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है, जबकि इससे अधिक आयु के बच्चों को पेडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया जाता है. उन्होंने कहा कि जाड़े के दिनों में बच्चों के लिए सबसे बेहतर तरीका ब्रेस्टफीडिंग है. माता को अपने बच्चों को बराबर स्तनपान कराते रहना चाहिए. बच्चों को कभी खाली पेट नहीं रखना चाहिए. हड्डी रोग विशेषज्ञ ऑर्थो डॉक्टर. राजीव रंजन ने कहा, कि ठंड में गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए. जोड़ो के दर्द से संबंधित मरीजों को गर्म कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए.

बच्चों व बुजुर्ग के पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढंक के रखना चाहिए

ठंड के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढंक कर रखना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए. पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन ने कहा कि अस्पताल में दवा की कोई कमी नहीं है. ठंड जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसमें सर्दी, खासी, जोड़ों का दर्द एवं बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल में भी इन दिनों इन्हीं बीमारियों के मरीज आ रहे हैं. हड्डी रोग विशेषज्ञ ने कहा कि पछिया हवा चलने से जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ठंड के कारण बच्चे व बुजुर्ग अधिक प्रभावित हो रहें हैं. ठंड का प्रभाव बढ़ने से बुजुर्गों को सतर्कता बरतनी चाहिए.

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