मधुबनी. डीएम अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक शनिवार को डीआरडीए सभागार में हुई. बैठक में डीएम ने सभी उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को हर हाल में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. साथ ही चतुर्थ एएनसी एवं संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुए दोषी आशा, स्वास्थ्य कर्मियों एवं बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया. डीएम ने विशेष अभियान चलाकर अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक, पैथोलॉजी एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा. डीएम ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में एक भी अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक, पैथोलॉजी एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी यह देख लें कि आवश्यक मात्रा में दवा इंडेन्ट किया गया है या नहीं. दवा की कमी रहने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे. किसी भी परिस्थिति में मरीजों को दवा बाहर से खरीदाना नहीं पड़े. उन्होंने कहा कि कुछ स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा जिला दवा भंडार में उपलब्ध दवा का समय से उठाव नहीं किया जाता है. यह गंभीर मामला है. इसी तरह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्तर से भी आवश्यक मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही सभी तरह की गतिविधियों की प्रविष्टि भव्या पोर्टल पर करने का निर्देश दिया. डीएम ने अनुमंडलीय अस्पताल में भी तत्काल कम से कम 10 सी-सेक्शन प्रतिमाह करने का निर्देश दिया. उन्होंने अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर में संचालित एनआरसी में कुपोषित बच्चों को भेजने को कहा. एंबुलेंस की ट्रीप की संख्या में बढ़ोत्तरीका भी निर्देश दिया. बैठक में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा, डीएमओ दया शंकर सिंह, डीपीएम पंकज कुमार, डीपीओ आईसीडीएस, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी सलाहकार, अधीक्षक, उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे.
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