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बालिकाओं को अपने अधिकार एवं चुनौतियों के प्रति जागरूक रहने की जरूरत

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेनीपट्टी प्रखंड के बेनीपट्टी पंचायत एवं बासोपट्टी प्रखंड के छतौनी पंचायत स्थित विद्यालय में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

मधुबनी. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेनीपट्टी प्रखंड के बेनीपट्टी पंचायत एवं बासोपट्टी प्रखंड के छतौनी पंचायत स्थित विद्यालय में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. महिला एवं बाल विकास निगम, जिला प्रशासन, यूनिसेफ उड़ान परियोजना व प्रथम संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में पोषण, लिंग भेदभाव, लिंग अनुपात, भ्रूण हत्या, बाल विवाह, पॉस्को, शिक्षा, दहेज प्रथा आदि मुद्दों पर चर्चा की गई. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आईसीडीएस की डीपीओ डा. ललिता कुमारी ने कहा कि बालिकाओं को उनके अधिकार, चुनौतियों एवं सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना है. यह लड़कियों को समान अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए मनाया जाता है, ताकि वे समाज में समान रूप से भागीदारी हो अपने सपनों को पूरा कर सके. मौके पर राजीव रंजन, मध्य विद्यालय बेनीपट्टी के प्रधानाध्यापक त्रिपति नारायण राम, वार्ड पार्षद राम वरण राम, विकास मित्र रीना देवी, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी एवं चालीस की संख्या में किशोर किशोरी मौजूद थे. रुचियों के अनुरूप लड़कियां बढ़ाये क्षमता उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक अशोक मोहिते ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम स्वयं की पहचान करने, आत्म-साक्षात्कार और मजबूत पहलुओं को समझने में मदद करना है. ताकि अपनी रुचियां, क्षमताएं और मूल्य क्या हैं. बच्चों को बाल श्रम न कर पढाई पूरी कर ही काम करने का सुझाव दिया. योजना का प्रचार प्रसार कर बेटियों के क्षमता को बढ़ावा देना है. शिक्षा,पोषण व सुरक्षा की दी गई जानकारी जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इन कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सा, देखभाल, भेदभाव, हिंसा और बाल विवाह से सुरक्षा में आने वाली संस्थाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया. चार समूह में पेंटिंग प्रतियोगिता का हुआ आयोजन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पेंटिंग प्रतियोगिता सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान बाल विवाह व बाल श्रम के रोकथाम को लेकर रैली भी निकाली गई. सभी छात्राओं ने अनुशासित एवं उत्साह पूर्वक पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया. दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, बाल विवाह और पर्यावरण संरक्षण पर छात्राओं के द्वारा पेंटिंग बनाया. बेटी अभिशाप नहीं वरदान है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला मिशन समन्वयक अंजनी कुमार झा ने बताया कि घटते बाल लिंगानुपात और बेटी की महत्ता के बारे में जागरूक किया. लैंगिक विशेषज्ञ शिवराज मेहरा ने बताया कि बेटी अभिशाप नहीं वरदान है. पंचायत से जिला स्तर तक लोग मदद करने के लिए संकल्पित हैं.

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