बासोपट्टी. बाजार के पौराणिक पोखरा बभनदई को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग पटना और अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया. पर्यटन मंत्री अरूण शंकर प्रसाद ने कहा कि इस स्थल के लिए विकास कार्य कराया जाना सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की सांस्कृतिक अस्मिता और भावनाओं के सम्मान का प्रतीक है. स्थानीय लोगों में निरीक्षण के बारे में बताया कि अब बभनदई पोखरा को महज़ एक पुराना जलस्रोत नहीं बल्कि संभावनाओं से भरे पर्यटन केंद्र के रूप में देखा जा रहा है. बभनदई पोखरा लंबे समय से स्थानीय आस्था, परंपरा और लोक जीवन का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. जहां मेला, धार्मिक अनुष्ठान और सामाजिक आयोजनों के माध्यम से पीढ़ियां जुड़ती रही हैं. इस पोखरे का संरक्षण केवल पानी बचाने का मुद्दा नहीं बल्कि उस स्मृति, संस्कृति और पहचान को बचाने की पहल है. उसी कड़ी में बभनदई पोखरा जैसे स्थलों के निरीक्षण को गंभीरता से लिया जा रहा है.. अगले सौ दिनों के भीतर ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश से यह साफ है कि अब योजना फाइलों में नहीं जमीन पर दिखने वाले बदलाव में है. पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद के कहा कि संवेदनशील नेतृत्व में बासोपट्टी स्थित पौराणिक बभनदई पोखरा के निरीक्षण के साथ विकास की एक नई कहानी लिखे जाने की शुरुआत हो चुकी है. पूरा इलाका जल, संस्कृति और पर्यटन के एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर सकता है. इस पोखरा के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार के लिए लंबी अवधि से स्थानीय लोग इंतजार में है. मौके पर पर्यटन विभाग पटना अधिकारी एवं एसडीओ दीपक कुमार, बीडीओ अनिल कुमार, सीओ विकास कुमार, आशीष कुमार, संजय महतो, हरिश्चंद्र शर्मा, कैलाश महतो सहित अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

