मधुबनी. दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवाओं के थपेड़ों से अप्रैल माह में ही भीषण गर्मी का एहसास होने लगा है. मौसम का मिजाज कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 570 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक 180 सर्दी, खांसी, बुखार तथा पेट दर्द से पीड़ित मरीजों का इलाज मेल मेडिकल के डॉ. विनय कुमार ने किया. स्त्री एवं प्रसूति ओपीडी में डॉ. रागिनी ने 135 महिला मरीजों व आर्थोपेडिक ओपीडी में डा. राजीव रंजन ने 165 मरीजों का इलाज किया. आई ओपीडी में डॉ. आंकाक्षा कुमारी ने 56 मरीजों का इलाज किया. बढ़ती गर्मी को देखते हुए डॉक्टरों ने मरीजों को गर्मी व हीटवेब से सावधानी बरतने को सुरक्षित रखने की सलाह दे रहे हैं. चिकित्सकों ने कहा कि किसी तरह की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके. 570 मरीजों का काटा गया पर्ची शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 570 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. जिसमें से 180 मरीजों का इलाज मेल ओपीडी में डॉ. विनय कुमार कुमार ने किया. डॉ. विनय कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी खांसी बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. 165 मरीजों का इलाज ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. राजीव रंजन ने किया. डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि अधिकांश मरीज कमर दर्द व पेट दर्द से पीड़ित थे. गायनिक ओपीडी की डॉ. रागिनी ने कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 135 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. हीटवेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य प्रकार की जीवन रक्षक दवा का भंडारण किया गया है. ताकि हीटवेब की चपेट में आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. वर्तमान में पेट खराब, कोल्ड कफ व बुखार के अधिक मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहा है. सदर अस्पताल में दवा की कोई किल्लत नहीं है. हर प्रकार की दवा उपलब्ध है. कैसे करें बचाव : तेज गर्म हवा में बाहर जाने से बचें, नंगे बदन और नंगे पैर धूप में नहीं निकलें. घर से बाहर पूरी आस्तीन और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, इससे कि शरीर में हवा लगती रहे. ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें. सूती कपड़े पहनें. सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें. खाली पेट घर से बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें. इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें चश्मा पहनकर बाहर जाएं. चेहरे को कपड़े से ढंक लें.
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