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Madhubani News : परसाधाम सूर्य मंदिर में दूर दूर से आये श्रद्धालु मनाते हैं छठ पूजा

छठ पर्व सूर्य उपासना का पर्व है.

झंझारपुर. छठ पर्व सूर्य उपासना का पर्व है. यह त्योहार बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है. बताते चलें कि झंझारपुर प्रखंड स्थित परसाधाम सूर्य मंदिर में छठ पर्व के अवसर पर विशेष प्रकार से सूर्य देव की आराधना की जाने की परंपरा है. यहां के लोगों ने बताया कि मंदिर के बगल के पोखरा कमेटी द्वारा मंदिर की साफ-सफाई कर सजाया जा रहा है. इस सूर्य मंदिर पर मार्तण्ड महोत्सव भी मनाया जाता है. सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा के बारे में पुरातत्वविदों का कहना है कि यह दसवीं से 11वीं सदी की निर्मित प्रतिमा है. जिले का एक मात्र परसा सूर्य मंदिर में आने मात्र से ही अलौकिक वातावरण की अनुभूति होने लगती है. परसा गांव स्थित सूर्य प्रतिमा दर्शन मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. यहां की पौराणिकता की गाथा मूर्ति के गुण रूप देखने से ही पता चल जाता है. पुरातत्वविदों की माने तो यह प्रतिमा 10वीं और 11वीं शताब्दी के मध्य काल की है. काले ब्लास्ट पत्थर से निर्मित इस दुर्लभ प्रतिमा की कारीगरी बेहद कुशलता से की गई है. खुदाई में मिली थी प्रतिमा परसा के एक किसान को 1980 ई़ में खुदाई के दौरान यह अद्भूत मूर्ति मिला था़. कुछ दिनों तक इसे छोटे से मंदिर में रखा गया. बाद में इसकी जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री जग्रनाथ मिश्र को मिली. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस प्रतिमा के स्थापना के लिये पहल किया. मूर्ति के महत्व को देखते हुए एहतियातन यहां पुलिस फोर्स की भी नियुक्ति की गई. 1.22 मीटर उंची है प्रतिमा परसा धाम स्थित सूर्य प्रतिमा 1.22 मीटर उंची और 65 सेंटीमीटर चौड़ी है. इसका दस्ता काफी सुसस्जित है़. जिसके मध्य भाग में कृति मुख के बारे में उल्लेखित है़. भगवान सूर्य की मुख्य प्रतिमा में मुकुट माला और उपवित्त पहनाया हुआ है और दोनो हाथों से पूरी तरह खिले हुए कमल का पुष्प पकड़ हुए हैं. मूर्ति को आकर्षक बनाता सात घोड़े वाला रथ है़. आसन के निचले हिस्से में उषा, प्रत्यूषा, दंडा, पिंगला को दर्शाया गया है़. जानकारों के अनुसार यह प्रतिमा हजारो साल पुराना है़. कहते हैं कि यहां भगवान सूर्य लोगों की हर मनोकामना पूरा करते हैं. मंदिर परिसर स्थित तालाब में होती है छठ पूजा मंदिर परिसर में ही तालाब है. जहां पर छठ पूजा मे ब्रतियों द्वारा सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना करने से लोगों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. कई सूनी गोद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. परसा धाम सूर्य मंदिर में साल में एक बार राज्य स्तरीय महोत्सव का भी आयोजन होता है. कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा मार्तंड महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस महोत्सव में राज्य सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक व अधिकारी शामिल होते हैं. पूर्व में ग्रामीणों द्वारा छोटे पैमाने पर यहां पूजा अर्चना की जाती थी. 2011 से सूर्य महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया. बाद में इसे मार्तंड महोत्सव के रूप में मनाया जान लगा है.

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