-संजय झा-
मधुबनीः अंकल मुङो यहां से ले जाओ. यहां बहुत डर लगता है. कोई देखने नहीं आता है. अब भी काफी दर्द होता है. मेरी हिफाजत करो, वरना अब मैं भूखे रहूंगी, नहीं तो उस आदमी को जेल में डाल दो, प्लीज अंकल.. ये कहते हुए सीकर गैंग रेप की पीड़िता गमगीन हो जाती है.
राजस्थान के सीकर में 17 माह पूर्व गैंग रेप की शिकार हुई बारह वर्षीय मधुबनी की ‘दामिनी’ की जिंदगी से जंग अब भी जारी है. जयपुर से दिल्ली आने के बाद उसकी हालत में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन पीड़ित बच्ची अब जलालत ङोलने को मजबूर है. डॉक्टर ने आगामी दो जनवरी 2014 को उसके 21 वां ऑपरेशन एम्स में करने की बात कही है, जबकि यह ऑपरेशन बीते 28 नवंबर को ही होना था, लेकिन राजस्थान प्रशासन की सुस्ती के कारण पीड़िता 28 नवंबर को अस्पताल नहीं पहुंच सकी.
परिजनों का कहना है, राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि मौके पर नहीं आये. इधर, पीड़िता के परिवार को हादसे 17 माह बाद भी इंसाफ के लिए भटकना पड़ रहा है. पीड़िता की मां का कहना है, घटना के छह आरोपित में से चार अब तक पकड़े नहीं गये है. यही वजह है, दिल्ली आने के बाद भी उनका परिवार भय के साये में जी रही है. वहीं , सीकर पुलिस पर जान बूझ कर मामले में विलंब करने का आरोप लगाया है. इंसाफ के लिए पीड़िता के परिजन अब भी भटक रहे है. हालात यह है, पीड़ित की अब तक पहचान भी नहीं करायी जा सकी है.
इधर, हालात के मद्देनजर जहां खुद पीड़िता इंसाफ के लिए भूखे रहने की बात कर रही है. उसके परिजन भी दिल्ली में इंसाफ के लिए हुंकार भरने की तैयारी में है. सोमवार को पीड़िता व उसकी मां ने स्पष्ट कहा कि मामले में राजस्थान सरकार की कथित उदासीनता के खिलाफ इंसाफ के लिए पूरा परिवार प्रधानमंत्री आवास के बाहर धरना पर बैठेगा. उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि मामले के सभी आरोपियों को सजा नहीं मिल जाती है.
मधुबनी के अंधराठाढ़ी प्रखंड की रहनेवाली दामिनी के साथ 21 अगस्त 2012 को गैंग रेप हुआ था. हादसे के बाद पांच माह तक जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज हुआ, जहां 18 ऑपरेशन किये गये. दरअसल हादसे के बाद पेशाब और पैखाना का रास्ता एक हो गया. पेट में गंभीर जख्म हो गये. उसे अब तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है, जबकि बीस बार ऑपरेशन हो चुका है. इधर, परिजन व पीड़िता फिलहाल दिल्ली के राजस्थान हाउस में रह कर एक्स से इलाज करा रहे हैं. परिजनों का कहना है, राजस्थान सरकार सिवाय दो वक्त भोजन देने के अलावा कोई मदद नहीं कर रही है.