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मैथिली भाषा में ग्रियर्सन का रहा अहम योगदान : रमण

मधुबनी : नवारंम संस्था की ओर से जिले में पहली बार जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन की 166वीं जयंती मनायी गयी. इसमें मैथिली भाषा और साहित्य में उनके अप्रतिम योगदान पर विस्तार से चर्चा की गयी. पटना से आए प्रख्यात साहित्यकार डॉ रमानंद झा रमण ने उनके अनुसंधान मूलक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ […]

मधुबनी : नवारंम संस्था की ओर से जिले में पहली बार जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन की 166वीं जयंती मनायी गयी. इसमें मैथिली भाषा और साहित्य में उनके अप्रतिम योगदान पर विस्तार से चर्चा की गयी. पटना से आए प्रख्यात साहित्यकार डॉ रमानंद झा रमण ने उनके अनुसंधान मूलक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ ग्रियर्सन जितना कर गये उसकी तुलना में थोड़ा ही कार्य हुआ है. उनके बनाए मिथिला के मानचित्र को सरकारी मान्यता मिलना बांकी है.

विराटनगर से आए मैथिली के विद्वान प्रवीण नारायण चौधरी ने कहा कि मैथिली भाषा में पढ़ाई की वकालत करते हुए ग्रियर्सन द्वारा जारी 1902 के रिपोर्ट का हवाला दिया. प्रख्यात कवि श्याम दरिहरे ने गियर्सन द्वारा मधुबनी विवाह समिति के संचालन का हवाला देते हुए सामाजिक कार्यों में उनकी भूमिका को रेखांकित किया. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगानंद सुधीर ने मधुबनी में बतौर एसडीओ रहे जार्ज ग्रियर्सन के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि उनकी प्रतिभा शहर में स्थापित किया जाये.

डॉ कमल कांत झा ने साहित्य अकादमी में उन पर मोनोग्राफ निकालने की मांग की. कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम हरिहरे ने की. जबकि संयोजन एवं संचालन अजीत आजाद ने किया. इस अवसर पर डॉ अरविंद सिंह झा, अमल नाथ झा, सती साजन, रामेश्वर पांडेय, निशांत, ऋषि वशिष्ठ, उदय जाएसवाल, मलय नाथ मंडन, गोपाल झा, अभिषेक, प्रजाति ठाकुर, आनंद मोहन झा, प्रो शुभ कुमार वर्णवाल, भोलानंद झा, सुभाष सिनेही उपस्थित थे.

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