मधुबनी : दीपोत्सव की तैयारी के लिए बाजार सज गये हैं. दीपावली में घरों को दीप से सजाने की परंपरा सदियों से रही है, लेकिन अब स्वरूप कुछ बदल गया है. समय के साथ दीप के स्थान पर रंग- बिरंगे बिजली के झालरों का चलन बढ़ गया है.
घरों, दरवाजों एवं दालान पर झालर के झिलमिल करते रंग बिरंगे छोटे-छोटे बल्ब की चमक लोगों का चकाचौंध कर रही है.
चाइनीज बाजार से पटा बाजार
शहर में बिजली की दुकानों में इन दिनों बिजली के रंग बिरंगी झालरें लटकीं देखी जा सकती हैं. इसके लाइट चमकीली होने से आकर्षक लगती है. पर इनमें से ज्यादातर चाइनीज मार्केट की बनी हुई होती हैं. मेड इन चाइनीज झालरों की कीमत भी भारतीय झालरों की अपेक्षा काफी कम होती है.
थाना चौक पर अवस्थित होलसेल दुकान के प्रोपराइटर अमित कुमार ने बताया कि चाइनीज आइटम की कीमत काफी कम होती है . यह बाजार में आसानी से उपलब्ध है. कम कीमत होने के कारण इसकी बिक्री भी काफी होती है. उन्होंने बताया कि देशी झालर व बिजली के अन्य चमकीले उपकरण अपेक्षाकृत महंगा होता है. अमीत ने बताया कि चाइनिज झालरों पर कोई गारंटी नहीं होता है जबकि देशी झालरों पर एक साल की गारंटी भी रहता है.
करोड़ों का है कारोबार
जिले में दशहरा से लेकर छठ पर्व तक इन झालरों बिजली के दीप की बिक्री होती है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार
जिले लगभग 100 बड़े बिजली के दुकान हैं. इन दुकानों का कारोबार लगभग 50 करोड़ के हैं. इनमें इमरजेंसी लाइट, टार्च सहित अन्य इलेक्ट्रिक उपकरण शामिल हैं.