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2000 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच

मामला प्रथम व द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन का, लोकायुक्त के आदेश पर डीएम ने दिया निर्देश मधुबनी : जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत दो हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की फिर से जांच होगी. यह वैसे शिक्षक हैं जिनका नियोजन साल 2006 व 2008 में क्रमश: प्रथम व द्वितीय चरण […]

मामला प्रथम व द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन का, लोकायुक्त के आदेश पर डीएम ने दिया निर्देश
मधुबनी : जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत दो हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की फिर से जांच होगी. यह वैसे शिक्षक हैं जिनका नियोजन साल 2006 व 2008 में क्रमश: प्रथम व द्वितीय चरण में किया गया था. जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग को तीसरी बार कड़े निर्देश जारी किये है. हालांकि डीएम द्वारा इस मामले में पहले तय डेट लाइन फेल हो चुका है.
इसको लेकर डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा राज्य शिक्षा निदेशालय व विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेज कर किया है. यहां बता दें कि साल 2006 में प्रथम चरण के तहत 5851 के विरुद्ध 5538 तथा वर्ष 2008 में द्वितीय चरण के तहत 2505 के विरुद्ध 1410 व बैकलॉग के 313 के विरुद्ध 195 शिक्षकों का नियोजन किया गया था.
विभाग ने मांगा अभिलेख
इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामानंद चौधरी ने डीएम के कड़े रूख के बाद सभी नियोजन इकाई से जांच के लिये अभिलेख की मांग की है. इस संबंध में 13 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा है. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अपने अधीनस्थ सभी शिक्षक नियोजन इकाई से नियोजन से संबंधित सभी अभिलेख प्राप्त कर जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. ताकि मामले का निष्पादन कर डीएम को रिपोर्ट भेजी जा सके जो लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है.
नहीं भेजा गया पत्र
एक ओर जहां डीइओ सभी बीइओ से जल्द से जल्द अभिलेख उपस्थापित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ेने संपर्क करने पर यह पत्र मिलने की बात से इनकार किया है. हालांकि इन लोगों ने यह माना है कि इस बाबत डीइओ ने आदेश जारी किया है. पर यह आदेश कहां है इसका अतापता नहीं है. इससे यह आशंका पैदा होने लगी है कि कहीं पूर्व की तरह इस बार भी मैनेज का खेल तो नहीं शुरू हो गयी है?
गठित हुई जांच टीम
प्रथम व द्वितीय चरण में नियोजित हुए इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच के लिये एक टीम गठित की गयी है. यह जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर किया गया है. इसमें कार्यक्रम पदाधिकारी रामाश्रय प्रसाद के नेतृत्व में रहिका, फुलपरास व लौकही के वर्तमान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को रखा गया है. यही टीम 346 पंचायत व 13 प्रखंडों के शिक्षक नियोजन में प्रमाण पत्र की जांच करेंगे.
लोकायुक्त ने दिया था जांच का निर्देश
जिले में प्रथम व द्वितीय चरण में हुए शिक्षक नियोजन में कथित गड़बड़ी को लेकर साल 2010 में एक अभ्यार्थी ने लोकायुक्त में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद जिला प्रशासन से लोकायुक्त ने संबंधित जानकारी मांगी थी. पर इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई. बताया जाता है कि दिसंबर 2014 व फरवरी 2015 में लोकायुक्त कड़े लहजे में इस मामले को लेकर डीएम को चेताया था. तब डीएम ने विभाग को अविलंब इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा.
डीइओ पर कार्रवाई की अनुशंसा
वहीं डीएम गिरिवर दयाल सिंह ने प्रमाण जांच करने में विलंब को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामानंद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा विभाग से की है. सूत्रों के मुताबिक, डीएम ने विभाग को इस संबंध में प्रेषित किये पत्र में कहा है कि मांगे गये तथ्यों की सही जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. मामले में गुमराह किये जाने की प्रवृत्ति है. ऐसे में इनके खिलाफ प्रपत्र ‘क’ का गठन किया जाय. साथ ही डीइओ से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है.
बैक डेट में नियोजित करने का मामला
बताया जाता है कि लोकायुक्त में शिक्षकों के बैक डेट से नियोजित करने के खिलाफ मामला दायर कराया गया. जानकारों का कहना है कि प्रथम चरण में तो कम पर द्वितीय चरण में बड़े पैमाने पर बैक डेट से नियोजन किया गया. इसको लेकर उस समय भी हल्ला मचा था. पर तब इसे दबा दिया गया था. जानकारों का मानना है कि अब भी अगर सही से जांच हो तो बड़े तादाद मे गड़बड़ियां पकड़ी जायेगी.
होगी सही जांच: डीइओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामनंद चौधरी ने बताया है कि सभी बीइओ को ससमय नियोजन इकाई से अभिलेख प्राप्त कर जमा करने का निर्देश दिया गया है. जांच टीम बनायी गयी है. ताकि सही तरीके से प्रमाण पत्रों की जांच हो.
लापरवाही पर होगी कार्रवाई : डीएम
वहीं डीएम गिरिवर दयाल सिंह का मानना है कि यह एक गंभीर मामला है. लोकायुक्त में इसकी रिपोर्ट भेजा जाना है. ऐसे में इसको लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी भी स्तर पर बरदाश्त नहीं की जायेगी.
नहीं मिल रहा सहयोग
सूत्रों की मानें तो जवाब में डीइओ ने कहा है कि वे शिक्षक संवर्ग से आते हैं. इसलिए अधीनस्त कार्यालय कर्मचारी उन्हें इस मामले में सहयोग नहीं कर रहे हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि पूर्व के जिला शिक्षा अधीक्षक मनोज कुमार एवं पूर्व के संभाग प्रभारी अशोक कुमार द्वारा संचिका हस्तगत नहीं कराया गया है.
इन दोनों पर डीइओ ने बीइओ को निर्गत किये पत्र में अनियमितता बरतने का भी आरोप लगाया है. सूत्रों के मुताबिक, डीएम ने पूर्व संभाग प्रभारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की है. जबकि पूर्व संभाग प्रभारी ने बताया है कि उन्होंने तबादले के बाद ही 17 जनवरी 2011 को तमाम संचिकाओं का प्रभार सौंप दिया था. इसकी प्राप्ति भी तत्कालीन डीइओ से प्राप्त की गयी थी.

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