मधुबनी : प्रधान डाकघर को छोड़ कर मुख्यालय के अन्य तीन उप डाकघर में पिछले 14 दिन से कंप्यूटर में गड़बड़ी होने की वजह से कारोबार बंद है. गांधी बाजार उपडाकघर, आर के कॉलेज उपडाकघर एवं बड़ी बाजार उपडाकघर में कंप्यूटर के वेवेक्स में खराबी हो जाने के वजह से ग्राहकों को रुपये जमा व निकासी करने सहित निबंधन,पार्सल सहित सभी काम बंद हो जाने के कारण इन तीनो उपडाकघर से जुड़े सैकड़ों उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है.
एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान. बड़ा बाजार उपडाकघर के उप डाकपाल आदित्य कुमार झा ने बताया कि 17 अक्तूबर को कंप्यूटर में बैंक ऑफिस और पॉइंट आउट सेल में खराबी हो गया. जिस कारण हमलोगों की उस दिन का विवरणी भी नही निकल सका. इसके बाद तत्काल इस बात की सूचना प्रधान डाकघर को दिया गया. 19 अक्तूबर को प्रधान के सिस्टम एडमिन आकर सिस्टम को सही करने का प्रयास किया, लेकिन सिस्टम सही नहीं हो पाया.
उसके बाद सिस्टम एडमिन ने तत्काल यहां से टिकट को जेनरेट कर चिन्नई भेजा. लेकिन अभी तक सुधार नहीं हो पाया है. उप डाकपाल ने बताया कि उनके यहां लगभग 1900 उपभोक्ताओं का खाता है जो प्रत्येक दिन अपना लेनदेन करते हैं. लगातार 14 दिन से खराबी के कारण मेरे यहां लगभग 35 लाख का कारोबार प्रभावित हुआ है. वही गांधी बाजार उपडाकघर के उपडाकपाल चंद्र किशोर राय ने बताया कि मेरे यहां भी वेबेक्स में खराबी हो जाने के कारण 17 से ही कारोबार प्रभावित है. श्री राय ने बताया कि मेरे यहां लगभग 2200 उपभोक्ताओं का खाता नियमित है.
मेरे यहां से लगभग प्रतिदिन 3 लाख 50 हजार का कारोबार होता है पिछले 14 दिन से किसी प्रकार की लेनदेन का काम नहीं होने के कारण लगभग 50 लाख का कारोबार प्रभवित हुआ. वही आरके कॉलेज के उपडाकपाल पीसी झा ने बताया कि यहां भी 17 से ही काम बंद है. श्री झा ने बताया कि कारोबार बंद रहने के कारण 14 दिन में 30 से 35 लाख का कारोबार प्रभावित हुआ है.
15 दिन से लगा रहे चक्कर. इस बाबत खाताधारी कुंदन कुमार सिंह, प्रवेश कुमार, पंकज कुमार, शंकर ठाकुर ने बताया कि हमलोग पिछले 15 दिन से अपनी रुपये को निकालने के लिये लगातार डाकघर जा रहे हैं. लेकिन प्रत्येक दिन कहा जाता है कि कल होगा. इनलोगो का कहना था कि इस बाबत हमलोग प्रधानडकघर को भी लिखित सूचना दिया लेकिन किसी तरह की सुधार अभीतक नहीं हो पाया है. पंकज कुमार कारोबारी है.
बताते हैं कि दीपावली व छठ मे पूंजी लगाते तो कुछ कमाई हो जाता. करीब छह से सात लाख रुपये तक जमा हैं. पर अपना पैसा रहते हुए बाजार में उधार मांगने की मजबूरी हो गयी है. कर्ज देने वालों को लगता है कि बहाना बना रहा है. अपना पैसा रहते हुए भी कुछ काम नहीं हो रहा. इसी प्रकार शंकर ठाकुर भी कारोबारी हैं. बताते हैं कि फेस्टिवल का समय है. ऐन मौके पर पैसा नहीं मिलने के कारण हर प्रकार की परेशानी हो गयी है. अभी पैसे निकलता तो अच्छी आमदनी हो जाती. पर डाकघर वालों को ग्राहकों की परेशानी से कोइ सरोकार नहीं है.