मधुबनी : शहर सहित जिले भर में जल संकट गहरा गया है. लोगों को आज भी हर जगह पानी नहीं मिल रहा. आज भी पानी के लिये लोगों को अन्य चापाकलों से पानी लाने की मजबूरी है. शहर में जल स्तर सामान्य से करीब 28 फुट नीचे है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का जल स्तर सामान्य से 17 फुट नीचे है. जो हालात हैं, उसे देखते हुए विभाग भी सकते में है. विभागीय अधिकारी खुद ये संभावना जता रहे हैं कि जो हालात बीते एक माह पहले हुआ था वह आने वाले दिसंबर – जनवरी माह में ही उत्पन्न हो जायेगा.
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अलर्ट : सामान्य से 28 फीट नीचे पहुंचा जलस्तर
मधुबनी : शहर सहित जिले भर में जल संकट गहरा गया है. लोगों को आज भी हर जगह पानी नहीं मिल रहा. आज भी पानी के लिये लोगों को अन्य चापाकलों से पानी लाने की मजबूरी है. शहर में जल स्तर सामान्य से करीब 28 फुट नीचे है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का जल स्तर सामान्य […]
इस साल वर्षा नहीं होने के कारण पानी का लेयर में सुधार नहीं हो रहा है. विभाग के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि बारिश नहीं होने की वजह से शहरी क्षेत्रों में पानी के लेयर अभी भी काफी नीचा है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस माह पिछले साल शहरी क्षेत्र में 17 फुट लेयर नीचा था. लेकिन अभी शहरी क्षेत्रो में 28 फुट लेयर नीचा है. जो पिछले साल से 12 फुट अधिक है. जबकि पिछले साल इस महीने में ग्रामीण क्षेत्र जो लेयर का हाल था वैसा अभी भी है. पिछले साल इस महीने में ग्रमीण क्षेत्रों में 14 से 17 फुट पर पानी मिलता था अभी 16 फुट 9 इंच पर पानी का लेयर चल रहा है.
बाढ़ आने के बाद सुधार हुआ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस साल शहरी क्षेत्रों में दिसंबर महीने से ही पानी का परेशानी हो जायेगी. क्योंकि इस बार शहरी क्षेत्रों में बारिश नहीं होने के कारण पानी के लेयर में सुधार नही हुआ है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिस क्षेत्रो में बाढ़ का पानी आया था, उस क्षेत्रो में तो अभी पानी का लेयर ठीक है. लेकिन गरमी आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रो में भी पानी का किल्लत होगा. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि बाढ़ आने के बाद लेयर में सुधार हुआ है. दो से तीन महीने के बाद से ही पानी की किल्लत होने की संभावना है.
जलसंचय को लेकर जो योजनाएं चल रहीं, उससे होगा फायदा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में लागभग 5900 चापाकल विभिन्न दोस के कारण बंद पड़ा हुआ है. जबकि जिला में लगभग 46 हजार चापाकल चालू है. जिसमे सामान्य चापाकल की संख्या ज्यादा है. विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिस तरह से पानी का किल्लत बढ़ रहा है. उससे लगता है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में आने वाले कुछ माह में ही सामान्य चापाकल से पानी की परेशानी हो जायेगी. कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि जल संचय को लेकर सरकार द्वारा जो योजना चलायी जा रही है, उससे आने वाले समय मे फायदा होगा.
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