मधुबनी : हमेशा से ही कुत्ता अपने मालिक का वफादार माना जाता है. जब कभी मालिक परेशानी में फंसता है तो कुत्ता समय समय पर अपने मालिक के परेशानी मे सामने आता है. इन दिनों बेनीपट्टी के बररी पंचायत में बाढ़ की त्रासदी है. पूरा पंचायत बाढ़ से चारों ओर से घिर चुका है. लोगों को आने जाने का कोई साधन नहीं है.
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बेनीपट्टी प्रखंड की बररी पंचायत के तीन सौ परिवार हुए बेघर
मधुबनी : हमेशा से ही कुत्ता अपने मालिक का वफादार माना जाता है. जब कभी मालिक परेशानी में फंसता है तो कुत्ता समय समय पर अपने मालिक के परेशानी मे सामने आता है. इन दिनों बेनीपट्टी के बररी पंचायत में बाढ़ की त्रासदी है. पूरा पंचायत बाढ़ से चारों ओर से घिर चुका है. लोगों […]
अपने गांव में ही किसी प्रकार रहना इनकी मजबूरी है. इसी पंचायत में बररी रजवा टोल भी है. कई समुदाय के लोग इसमें रहते हैं. करीब तीन सौ परिवार की बस्ती. आज इन पर विपदा टूट पड़ी है. अचानक आये बाढ़ ने प्राय: सब परिवार को बेघर कर दिया है. बस्ती में एक दो पक्का का मकान है, इसी पर सब लोग शरण लिये हुए हैं. हर घर में कमर भर पानी. इसी बस्ती में रानी देवी का भी घर है. रानी देवी के गोद में मात्र तीन माह का एक बच्चा है. दिन के करीब एक बज रहे थे.
डीएमशीर्षत कपिल अशोक, एसडीओ मुकेश रंजन, डीएसपी पुष्कर कुमार के साथ अधिकारियों की टोली राहत सामान लिये बररी गांव पहुंचे. राहत सामान आने की सूचना होते ही पूरा बस्ती तटबंध की और दौड़ा. कमर भर पानी में महिला, पुरुष, बच्चे सब दौड़े. इसी में रानी देवी भी शामिल हो गयी. पर रानी देवी के सामने एक मजबूरी थी कि नन्हा सा बेटे का क्या करे. पानी में लेकर जाना खतरनाक था.
कभी भी कुछ हादसा हो सकता था. पर घर में भी अन्य कोइ नहीं बचा था जिसके पास बच्चे को छोड़कर वह जाती. पेट भरने का जुगाड़ करना जरूरी था. अंत में रानी देवी घर के बाहर बने एक टूटे पालना में अपने मासूम बेटा कार्तिक को लिटा कर कुत्ते के भरोसे ही तटबंध की ओर दौड़ गयी. यह रानी की मजबूरी थी. पर जब तक रानी लौट कर वापस नहीं आयी वफादार कुत्ता तीन माह के कार्तिक की रखवारी करता रहा.
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