मधुबनी : कड़ी धूप व बढ़ी तपिश से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. लोगों का घर से निकला मुश्किल हो गया है. बावजूद लोग जरूरी काaम से घर से निकलने को मजबूर हैं. अप्रैल माह से ही पारा 40 पर पहुंच गया है. मई माह में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं. ऐसे में […]
मधुबनी : कड़ी धूप व बढ़ी तपिश से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. लोगों का घर से निकला मुश्किल हो गया है. बावजूद लोग जरूरी काaम से घर से निकलने को मजबूर हैं. अप्रैल माह से ही पारा 40 पर पहुंच गया है. मई माह में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या स्कूल जाने वाले बच्चों को हो रही है. जिन्हें स्कूल आते-जाते समय छतरी लेकर जाना पड़ रहा है. उमस भरी गर्मी के कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.
विगत कई दिनों से अस्पताल में पांच से छह सौ मरीजों का ओपीडी में पंजीकरण किया गया. वहीं शुक्रवार को ओपीडी में चार सौ मरीज का पंजीकरण किया गया. गर्मी का आलम यह है कि लोग अपने काम को निपटाकर 12 बजे से पहले घर पहुंचने की सोचते हैं. गर्मी के कारण कई निजी विद्यालयों ने समय में फेरबदल किया है. सरकारी विद्यालयों में सुबह के 6.30 से 11.30 व निजी विद्यालय में 7 से 12 बजे कर दिया गया है. जिससे बच्चे समय से घर पहुंच सके.
पानी की भी है किल्लत
एक तो मौसम की मार उपर से पानी की किल्लत ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है. गर्मी बढ़ने से दर्जनों चापाकल में पानी नहीं आ रहा है. ऐसे में भीषण गर्मी में आम लागों को पानी कि किल्लत झेलनी पड़ रही है. वहीं बाजारों में पेयजल व ठंडे पानी की मांग बढ़ गई है. चिलचिलाती धूप से बचने के लिये रिक्शा चालकों को छतरी के उपर प्लास्टिक लगाकर चलाया जा रहा है. वहीं लो वोल्टेज के कारण पंखा व कूलर भी बेअसर साबित हो रहा है. सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डा़ डीएस मिश्रा ने बताया कि गर्मी से बचने के लिये एक मात्र उपाय परहेज है. गर्मी से बचाव के लिये दोपहर एक बजे से तीन बजे तक घर से नहीं निकलें. बासी खाना नहीं खायें. तेल मशाला से परहेज करें. ओआरएस घर में अनिवार्य रूप से रखें. प्रतिदिन ओआरएस पीयें.