मधेपुरा. बिहार विशेष सर्वेक्षण योजना के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों ने मंगलवार को दूसरे दिन काला पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया, जिसका नेतृत्व जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार ने किया. कर्मियों ने कहा कि वे वर्षों से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी सेवाओं को मान्यता देने व न्यायसंगत अधिकार प्रदान करने के बजाय विभाग व सरकार ने सिर्फ आश्वासन दिये, जिनका अब तक धरातल पर कोई परिणाम नहीं दिखा.संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि सात जून 2022 व 21 जनवरी 2023 को निर्देशक भू-अभिलेख एवं परिमाप, बिहार पटना और संघ के बीच वार्ता हुई थी. कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी, लेकिन आज तक विभागीय आदेश जारी नहीं हुआ. इस रवैये से नाराज कर्मियों ने 11 से 14 अगस्त 2025 तक काला पट्टी बांधकर विरोध करने का फैसला लिया है. पांच सूत्री मांगों में विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन व लिपिक की सेवा को नियमित किया जाय तथा सेवा अवधि 60 वर्ष तय हो. एई, जेई एवं यूडीसी के पदों पर नियमित नियुक्ति में प्रतिवर्ष कार्य अनुभव के आधार पर पांच अंक की अधिमानता दी जाय. पदानुसार समान वेतनमान प्रदान किया जाय. पूर्व बैठकों में बनी सहमति के अनुरूप आदेश निर्गत किये जायें, सभी कर्मियों को इएसआइसी कार्ड व ईपीएफओ में सरकारी अंशदान की सुविधा दी जाय शामिल है. जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार ने कहा 16 अगस्त तक सरकार ने मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो संविदा कर्मी महाअभियान का विरोध करते हुए पूरे राज्य में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

