चौसा. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत काम कर रहे मधेपुरा जिले के 13 प्रखंड के स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि हमलोग का समान काम के साथ सामान वेतन नहीं मिलने को लेकर एक दिवसीय धरना हेतु पटना के लिए रवाना हो रहे हैं. वही स्वच्छता पर्यवेक्षक संघ के जिलाध्यक्ष यासीर हामीद ने कहा कि 20 अगस्त को पटना गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना देने के लिए सभी पंचायत के पर्यवेक्षक व स्वच्छता कर्मी कार्य को ठप करते हुए अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं. इसमें सरकार के द्वारा मासिक मानदेय सात हजार पांच सौ रुपये से बढ़कर नौ हजार किया गया है. यह बढ़ोतरी महंगाई के मुकाबले बहुत कम है. कर्मियों की सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की है कि सरकार ने उन्हें अंशकालिक कर्मी घोषित कर दिया है, जबकि उनसे पूरे दिन का काम लिया जाता है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमलोगों को पूर्णकालिक कर्मचारी का दर्जा दिया जाये. ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार संविदा पर लागू की जाये. पंचायती राज विभाग के पत्र के अनुसार पर्यवेक्षकों को 20 हजार व स्वच्छता कर्मियों को उचित मानदेय मिले. उन्होंने कहा कि हमलोग का कार्यकाल 60 वर्ष करने की मांग की है. मानदेय का भुगतान बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी से हो, बकाया राशि का शीघ्र भुगतान किया जाये. ड्यूटी के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रित को नौकरी व आर्थिक सहायता दी जाये. स्वच्छता कर्मी व स्वच्छता पर्यवेक्षकों ने कहा कि 20 अगस्त को पटना में प्रस्तावित धरना के बाद भी सरकार ने मांग नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे.
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