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महाशिवरात्रि मेले की तैयारी अंतिम चरण में, मंदिर में लाखों श्रद्धालु करेंगे जलाभिषेक

महाशिवरात्रि मेले की तैयारी अंतिम चरण में, मंदिर में लाखों श्रद्धालु करेंगे जलाभिषेक

सिंहेश्वर. बिहार के सुप्रसिद्ध देवनगरी में लगने वाले महाशिवरात्रि मेले में अब मात्र एक दिन शेष बचा है. जिला प्रशासन सहित, मंदिर न्यास समिति व स्थानीय प्रशासन, मेला ठेकेदार इस वर्ष मेले को अच्छे तरीके से लगवाने पर लगातार काम कर रहे हैं. मेला वाले जगहों को साफ- सुथरा कर व्यवसायी अपने प्रतिष्ठान के लिए जगह का चुनाव करते हुये अपने प्रतिष्ठान को अंतिम रूप देने में दिन रात एक किये हुए हैं. बताया कि इस वर्ष मेले में बच्चे व महिलाओं के लिए मनोरंजन का पूरा ध्यान रखा गया है. मेले में मनोरंजन के लिए पर्याप्त दर्जनों झूले जिसमें मुख्य रूप से रेंजर झूला, टावर झूला, ब्रेक डांस, टोरा – टोरा, नाव झूला, ड्रेगन झूला, व बच्चों की लिए मिक्की माउस के साथ- साथ कई अन्य झूले लग रहे हैं, जबकि युवा लोगों के लिए दो थियेटर इसमें शोभा सम्राट थियेटर व न्यू गुलाब विकास थियेटर लगकर लगभग तैयार हो चुका है. इसी तरह मेले में जादूगर लगाये जा रहे है. वहीं खाने-पीने के लिए विभिन्न होटलों के साथ कई स्टॉल लगाये जायेंगे. वहीं मेला में माता वैष्णव देवी के चार धाम, जलपरी आकर्षण का केंद्र होगा. इसके साथ- साथ अंडर वाटर वर्ल्ड जिसमें लोग विभिन्न तरह की मछलियों के साथ- साथ पलपरियों को भी देख सकेंगे. मंदिर न्यास समिति ने की तैयारी मंदिर न्यास समिति के द्वारा शिवरात्रि मेले को लेकर मेला क्षेत्र छोड़कर मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में कार्य करवा रही है. मंदिर का रंग रोगन, मंदिर का सजावट लगभग पूरा कर लिया गया है, जबकि मेला ठेकेदार के द्वारा मेला परिसर को संवारने का काम किया जा रहा है. अलग- अलग जगहों से दुकानों को मंगवाया गया है. बताया कि इस वर्ष श्रद्धालुओं का खासा ख्याल रखा जा रहा है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गयी है. बताया गया कि मंदिर के आसपास हर एक बिजली पोल पर एलइडी लगाया गया है. वहीं श्रद्धालु रात काटने के लिए धर्मशाला का उपयोग कर सकते है. जहां पानी बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्था रहेगी. रात में महादेव की मंदिर अलग ही छटा बिखेरेगी. क्योंकि मंदिर परिसर के सभी मंदिरों पर आकर्षक बल्ब लगाई गई है. मेला क्षेत्र में गांधी पार्क को विभिन्न फूलों से सजाया गया है, जबकि विभिन्न जगहों पर झरने भी लगाये गये है. सिंहेश्वर आने के लिए हर दिशा से मिलती है सवारी गाड़ियां देवाधिदेव महादेव की पूजा- अर्चना करने का मन रखने वाले कई ऐसे श्रद्धालु होते हैं. जिन्हें रास्ते का पता नहीं होता है और वह बाबा नगरी तक पहुंच नहीं पाते हैं. किसी भी क्षेत्र से बाबा तक पहुंचना काफी आसान है बस थोड़ी मेहनत करनी होगी. सुपौल की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर एक दो घंटे में बस के साथ- साथ अन्य सवारी गाड़ियां चलती है. सिमराही की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सीधे बस सेवा है हालांकि बस के अलावा सिमराही से पिपरा और पीपरा से सिंहेश्वर का रास्ता है. अररिया की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को जदिया त्रिवेणीगंज के रास्ते बस सेवा मिलती है. अगर खुद की सवारी है, तो अररिया से जदिया से मुड़कर कुमारखंड और फिर कुमारखंड से सिंहेश्वर का भी रास्ता है. हालांकि बेहतर सड़क त्रिवेणीगंज होकर ही है. कुमारखंड से ऑटो की सेवा है, जबकि सहरसा की ओर से आने वाले श्रद्धालु को इस बार फिलकाहा होकर आना होगा. पूर्णिया से भी सीधी बस व ट्रेन सेवा है बस लगभग आधे घंटे के अंतराल में है. ———————————————- चार दिनों के लिए सिंहेश्वर रहेगा नो व्हीकल जोन- डीएसपी यातायात सिंहेश्वर. बिहार के सुप्रसिद्ध सिंहेश्वर स्थान में महाशिवरात्रि के अवसर पर शुरू होकर एक माह तक चलने वाला प्रसिद्ध सिंहेश्वर का महाशिवरात्रि मेला को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी अब अंतिम चरण में है. वहीं मेला में खेल तमाशा लगाने वालों से लेकर सभी जरूरी सामान बेचने वाला सक्रिय हो गए हैं. इस बाबत संवेदक जितेंद्र कुमार सिंटू ने बताया कि इस बार सिंहेश्वर मेले में दर्शनार्थियों की अच्छी- खासी भीड़ होने की पूरी उम्मीद है. इसके चलते जिला प्रशासन ने मेले में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हर संभव तैयारी शुरू कर दी है. बताया गया कि मेला में कार्य करने वाले संबंधित विभागों को जिला प्रशासन के द्वारा दिशा निर्देश दिया गया है. वहीं विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला परिसर में विभिन्न जगह सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है. इस बीच डीएसपी यातायात चेतनानंद झा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन से चार दिनों तक वाहनों के प्रवेश पर नो एंट्री लगाने का निर्णय लिया गया है. बस और ट्रक मालिकों से इस विषय पर बात कर ली गयी है. बताया कि पिपरा और गम्हरिया, सहरसा और पूर्णिया की ओर से आने वाले बड़े वाहन फुलकाहा होते हुए चलेगी, जबकि छोटे वाहन मधेपुरा से कट कर सतोखर होते हुए चलेगी. बताया कि लगभग 20 से अधिक ड्रॉप गेट लगाया जा रहा है. इससे सिंहेश्वर पहुंचने वाले सभी प्वाइंट पर सभी वाहनों को रुकना होगा. वाहनों के सुरक्षा के लिए हर दिशा में ड्रॉप गेट के पास पार्किंग की व्यवस्था की गयी है, जहां पर वाहन मालिक वाहन लगा कर पैदल बाबा मंदिर तक पहुंचेंगे और फिर वापस पैदल ही जायेंगे. इसके साथ- साथ पूरे एक माह तक पूरा मेला क्षेत्र पूरी तरह से नो व्हीकल जोन रहेगा. किसी भी प्रकार के वाहन को मेला क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा. वहीं दूसरी तरफ जल, शौचालय व विद्युत आपूर्ति के लिए क्रमश: पीएचइडी व विद्युत विभाग को निर्देश दिया गया हैं कि समय रहते पूरी व्यवस्था की जाए. मेले में खेल- तमाशा वालों व विभिन्न सरकारी- स्टॉलों को भी लगाया जा रहा है. वहीं कुछ प्रसिद्ध कंपनियों ने भी स्टॉल लगाया गाय है. दूर दराज से खेल तमासे, विभिन्न प्रकार के दर्जनों झूले, होटल, डिजनीलैंड, अचार हाउस सहित विभिन्न दुकानें और स्टाॅल सजने लगे है. मेला के सुरक्षा को लेकर मेला परिसर में ही बनाये गये अस्थायी थाना में मेला थानाध्यक्ष सहित पुलिस बल मौजूद रहेंगे.

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