सिंहेश्वर. जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में स्टाफ नर्स के बदले सुरक्षा गार्ड के द्वारा स्लाइन लगाने के मामले में मेडिकल कॉलेज के द्वारा कार्रवाई करने की बात कही गयी है. उक्त मामले को प्रभात खबर के द्वारा प्रमुखता से प्रभात खास के रूप में प्रकाशित की गयी थी. खबर प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हलचल तेज हुई और कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गयी. इस बीच अस्पताल की प्रभारी अधीक्षक डॉ पूनम कुमारी व प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि खबर के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि अस्पताल के चौथे बिल्डिंग के चौथे तल पर चल रहे सामान्य वार्ड में सुरक्षा गार्ड के द्वारा स्लाइन लगाया गया, जबकि इस दौरान वहां कोई स्टाफ नर्स मौजूद नहीं थी. यह भी बताया गया कि उक्त वार्ड में दो महिला एक वृद्ध का इलाज कराने पहुंची थी. इलाज के दौरान मरीज की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात नर्स से संपर्क किया, लेकिन नर्स ने मरीज को देखने के बजाय सुरक्षा गार्ड को स्लाइन लगाने भेज दिया. गार्ड ने काफी समय लेकर जैसे- तैसे स्लाइन लगाया, लेकिन जाते समय स्लाइन खुल गया और दवा बहने लगी. परिजनों ने इसकी शिकायत गार्ड से की. जिसके बाद उसने दोबारा स्लाइन लगाया, जो कई प्रयासों के बाद सफल हुआ. इस मामले में प्रभारी अधीक्षक डॉ पूनम कुमारी व प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अंजनी कुमार ने त्वरित कार्रवाई की. बताया कि जांच के बाद सुरक्षा गार्ड मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया गया है. जबकि गार्ड के सुपर वाइजर से स्पष्टीकरण मांगने के साथ-साथ ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स कंचन राज, बंदना कुमारी व रूबी कुमारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं दूसरी तरफ उक्त नर्सों के द्वारा एक मरीज से अभद्रता भी की. लोगों ने बताया कि ये मामला मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों को उजागर करती है. जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज को बिहार सरकार ने अत्याधुनिक सुविधाओं वाला संस्थान बनाने का दावा किया था, लेकिन इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही व कर्मचारियों की गैर-जिम्मेदारी को सामने ला दिया. स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों में इस घटना को लेकर गुस्सा है. एक परिजन ने कहा, अगर नर्सें अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगी और गार्ड को मरीजों का इलाज करना पड़ेगा तो यह अस्पताल नहीं है. खबर को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएं चल रही हैं. कई लोग बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर निशाना साध रहे हैं.
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