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बेलारी में मनाया गया जिले का स्थापना दिवस

बेलारी में मनाया गया जिले का स्थापना दिवस

कुमारखंड . उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलारी में गुरुवार को जिले का स्थापना दिवस मनाया गया. मौके पर शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक अरुण कुमार के नेतृत्व में विद्यालय के पोषक क्षेत्र में प्रभात फेरी निकाल कर लोगों को जागरूक किया. विद्यालय प्रधान अश्वनी कुमार ने कहा कि जिले का पुराना इतिहास है. मधेपुरा 1778 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है. कोसी के मुहाने पर अवस्थित यह जिला चारों ओर से छह जिलों से घिरा है. वहीं नेपाल से नजदीक है. डॉ जगन्नाथ मिश्र के मुख्यमंत्रित्व काल तथा उनकी उपस्थिति में प्रथम जिला पदाधिकारी एसपी सेठ व प्रथम पुलिस अधीक्षक अभयानंद के नेतृत्व में नौ मई 1981 को सात प्रखंडों के साथ बिहार के नक्शे पर जिला बने मधेपुरा में वर्तमान में दो अनुमंडल, 13 प्रखंड व 13 अंचल हैं. मौके पर शिक्षक सुनिता कुमारी, आशीष कुमार अमन, अलका कुमारी आर्य, मुकेश कुमार, संजय कुमार संतवाणी, संगीता कुमारी, रंभा कुमारी, प्रशांत कुमार, संजीव कुमार, निहारिका तिवारी, दिव्या लक्ष्मी, सौरभ कुमार, चन्द्राणी, जूली कुमारी, गुडडू कुमार, राजीव कुमार, उत्तम कुमार सिंह,अभिषेक कुमार,मिथुन राम,सचिदानंद राम,शिवानी कुमारी,कुमारी प्रीति रानी,अंकिता कुमारी, मोना कुमारी एवं टोला सेवक राज कुमार राजा मौजूद थे.

स्वतंत्रता आंदोलन में मधेपुरा की रही है भागीदारी

सिंहेश्वर. मध्य विद्यालय कन्हुआ गोढियारी में जिले का स्थापना दिवस मनाया गया. प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार विवेक ने बच्चों को जिले के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मधेपुरा का संबंध रामायण व महाभारत काल के अतिरिक्त मौर्य, कुषाण वंशः व मुगल काल में भी रहा है. जो अति महत्वपूर्ण है. स्वतंत्रता आंदोलन में भी जिले की भागीदारी रही है. आजादी के बाद विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पहचान को दर्शाता रहा है. स्थापना के मात्र चार दशक के सफर में इसकी उपलब्धि उच्च स्तरीय रही है. राजनीतिक आइने में रासबिहारी मंडल, भूपेंद्र नारायण मंडल, प्रथम कानून मंत्री,बिहार शिव नंदन प्रसाद मंडल,पूर्व मुख्यमंत्री सह मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल आदि इसके चमचमाते सितारे हैं. जिले में शिक्षा का माहौल बनाने में कोसी के शिक्षा दधीचि कहे जाने वाले कीर्ति नारायण मंडल का त्याग बेमिसाल है, जिसके बदौलत जिले में विश्वविद्यालय व दर्जनों उच्च शिक्षण संस्थान हैं, जो जिले को शैक्षणिक व आर्थिक विकास को आधार है. कृषि के क्षेत्र में सिंहेश्वर का नारियल विकास बोर्ड भी खास पहचान है. वहीं सिंहेश्वर स्थान इसके गौरवशाली अतीत को प्रमाणित करता हैं. जिला बनने के बाद मधेपुरा तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है. एग्रीकल्चर,इंजीनियरिंग,लॉ ब-इवनिंग कॉलेज के साथ राष्ट्रीय फलक का हाल में जिले को समर्पित हुआ. मेडिकल कॉलेज शिक्षा के विभिन्न आयामों में समृद्धि दे रहा है. विश्व स्तरीय विद्युत रेलवे इंजन कारखाना से इस जिले को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है. मौके पर शिक्षक दीपक राज, प्रियरंजन कुमार, सोनू मिश्र, नवीन कुमार, रंजन कुमारी, रेणु कुमारी आदि मौजूद थे.

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