मधेपुरा.
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के तत्वावधान में बुधवार को ऑनलाइन संवाद का आयोजन किया गया. इस संवाद का विषय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में नैतिकता और नैतिक दुविधाए : चुनौतियां और समाधान था. इसके मुख्य वक्ता दर्शनशास्त्र विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई की प्रो नमिता निम्बालकर थी. उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में नैतिकता एक महत्वपूर्ण विचार है. नैतिकता का पालन करके, शोधकर्ता अपने शोध की विश्वसनीयता और वैधता सुनिश्चित कर सकते हैं, मानव विषयों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं, समाज के लिए एक सकारात्मक योगदान कर सकते हैं, और शोध की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं.माैके पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो सभाजीत मिश्र, दर्शन परिषद्बि हार की अध्यक्ष प्रो पूनम सिंह, प्रो अविनाश कुमार श्रीवास्तव, प्रो अनिल कुमार तिवारी, डॉ आलोक टंडन, डॉ प्रशांत शुक्ल में शामिल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य प्रो डॉ कैलाश प्रसाद यादव ने किया. संचालित आयोजन सचिव सह दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

