80 प्रतिशत लोग कैलशियम व विटामिन डी-3 की कमी के शिकार
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स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कैलशियम : डाॅ असीम
80 प्रतिशत लोग कैलशियम व विटामिन डी-3 की कमी के शिकार मधेपुरा : कैलशियम न केवल हड्डियों के लिए बल्कि शरीर की हर एक कोशिका, नस, रक्त, मांसपेशी और दिल के लिए बहुत आवश्यक है. यानि हमारे दिल की धड़कनें चलती रहें, इसके लिए भी कैलशियम सबसे जरूरी है, लेकिन कमोवेश 80 प्रतिशत लोग कैलशियम […]
मधेपुरा : कैलशियम न केवल हड्डियों के लिए बल्कि शरीर की हर एक कोशिका, नस, रक्त, मांसपेशी और दिल के लिए बहुत आवश्यक है. यानि हमारे दिल की धड़कनें चलती रहें, इसके लिए भी कैलशियम सबसे जरूरी है, लेकिन कमोवेश 80 प्रतिशत लोग कैलशियम एवं विटामीन डी -3 की कमी से जूझ रहे है. इनमें से 60 प्रतिशत लोगों की स्थिति तो और खराब है. यह भी आंकड़ा है कि आधी आबादी अर्थात महिलाएं ज्यादातर कैलशियम की कमी से पीड़ित हैं. इस बाबत चिकित्सक डॉक्टर असीम प्रकाश ने बताया कि 120 सेंपल टेस्ट के दौरान 50 सेंपल ओस्टियोपेनिक तथा 50 सेंपल ओस्टियोपोरोटिक मिला. महज 20 सेंपल समान्य मिले.
हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कैलशियम : हमारे शरीर के हर प्रकार से हेल्दी रहने के लिए कैलशियम बहुत जरूरी है. कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के साथ-साथ हमारे शरीर के विकास और मसल्स बनाने में भी सहायक होता है. अक्सर भूखे रहना और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्जरेब्शन की वजह से भी कैलशियम की कमी हो सकती है. मैलएब्जरेब्शन उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा शरीर उचित खुराक लेने पर भी विटामीन और मिनरल को ग्रहण नहीं कर पाता है. इस बाबत डा नेहा प्रकाश कहती है कि यह सबसे खतरनाक स्थिति है. महिलाएं अधिकतर इस तरह की स्थिति का शिकार होती है. जैसे जैसे उम्र बढती है तो उसके साथ कैल्शियम की कमी होना आम है. उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं. ऐसे में हमारी बॉडी को कैल्शियम की जरूरत पड़ती है.
यह है कैल्शियम की कमी का लक्षण : डा असीम प्रकाश कहते है कि कैलशियम की कमी के मुख्य लक्षण मांस पेशियों में खिंचाव, पीरियड में दर्द, थकान, कमजोर हड्डियां, बालों की समस्या, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, दांत में तकलीफ तथा कमजोर नाखून से परिलक्षित होती है. उन्होंने कहा कि अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर ठीक है और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से आपकी मांसपेशियों में खिचाव या ऐंठन होती है तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत है. वहीं जिन स्त्रियों में कैल्शियम की कमी होती है उन्हें मासिक धर्म में गड़बड़ी, मासिक चक्र तथा प्रसव के दौरान अत्यधिक तकलीफ व दर्द का अनुभव होता है. शरीर में कैल्शियम की कमी होने से थकान, सिर में दर्द, स्ट्रेस और डिप्रेशन भी होता है. जबकि बालों का टूटना झड़ना, नींद न आना, घबराहट और दिमागी टेंशन भी कैल्शियम की कमी का लक्षण है. वहीं कैल्शियम की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है.
जिससे बार – बार लोग बीमार पड़ते है. इन लक्षणों के उभरने पर एक छोटा सा ब्लड टेस्ट स्थिति को किलियर करता है. कैल्शियम की कमी से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. बस सही इलाज और कैल्शियम युक्त पोस्टिक भोजन इन समस्याओं से निजात दिलाते हैं.
कैसा हो भोजन ताकि मिले कैलशियम
डा नेहा प्रकाश कहती है कि कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए खान पान भी जरूरी है. अगर आप लैक्टोज को हल्की फुल्की मात्रा में ले सकती हैं, तो दही खाएं और अगर आपको लैक्टोज से कोई परेशानी नहीं है तो दूध और दही दोनों का सेवन करें. अगर आप दही पर निर्भर हैं तो रोज़ाना कम से कम एक कटोरी दही जरूर लें. अगर आप पनीर खा सकती है, तो इसका भी आप सेवन कर सकती हैं. आप खाने में हरी सब्ज़ियों का सेवन अधिक करें, जैसे – ब्रोकली, गोभी और भिंडी आदि। दरअसल सब्ज़ियां कैल्शियम की पॉवर हाउस होती हैं. इनमें विटामिन K का स्तर बहुत अच्छा होता है. हड्डियों की सेहत के लिए विटामिन ‘के’ बहुत आवश्यक है. वहीं लंच और डिनर के बाद दो अंजीर का सेवन, तिल का लड्डू, रोस्टकर सलाद या सूप में तिल खाना कैल्शियम की भरपाई करता है. साबूदाना और बाजरा में भी कैल्शियम भरपूर होता है.
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