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हर जगह नये नोट का टोटा, जमा हो रहा पुराना

सुधर रहे हालात . मुरलीगंज में बैंकों व एटीएम के बाहर छोटी होने लगी कतार प्रखंड मुख्यालय में विभिन्न जगहों पर एटीएम एवं बैंक की स्थिति. मुरलीगंज : मुरलीगंज शहर के सभी बैंक में गुरुवार को खामोशी देखी गई. बैंक के बाहर और भीतर ना तो लंबी कतारें थी ना ही शोरगुल. पिछले चार दिनों […]

सुधर रहे हालात . मुरलीगंज में बैंकों व एटीएम के बाहर छोटी होने लगी कतार

प्रखंड मुख्यालय में विभिन्न जगहों पर एटीएम एवं बैंक की स्थिति.
मुरलीगंज : मुरलीगंज शहर के सभी बैंक में गुरुवार को खामोशी देखी गई. बैंक के बाहर और भीतर ना तो लंबी कतारें थी ना ही शोरगुल. पिछले चार दिनों से चल रहे अफरा – तफरी का माहौल गुरुवार को लगभग थम सा गया था. किसी भी बैंक में इंक लगाने की व्यवस्था नहीं चल रही थी. मुरलीगंज नगर पंचायत के सभी बैंक में मुद्रा नहीं रहने के कारण रुपये बदलने का काम ठप था. पैसे की कमी के कारण बैंक में भीड़ – भाड़ भी कम थी.
जानकारी के अनुसार मुरलीगंज स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में लगभग सात करोड़ के करीब रूपया जमा किये गये हैं. लगभग ₹65 लाख रुपया के नोट बदले गये. भारतीय स्टेट बैंक में आज ग्राहकों की भीड़ काउंटर पर बिल्कुल ही कम थी जो भी थे यह मुद्रा विनिमय के लिए आये थे.
लेकिन बैंक में पैसा कल से ही खत्म हो चुका था. इसलिए सिर्फ डिपोजिट लिए जा रहे थे.
नोट बदलने का काम बिल्कुल ही बंद था. इंक बात पर शाखा प्रबंधक में बताया कि अभी हम इसकी शुरूआत नहीं किये हैं. भारतीय स्टेट बैंक की गोल बाजार शाखा में लगभग तीन करोड़ रुपये जमा किये गये और करीब दो लाख चासीस हजार के नोट बदले गये. आज बैंक में लोग इस आस में बैठे थे कि रुपये आयेंगे तो एक्सचेंज होगा. शाखा प्रबंधक ने बताया कि हमने जिला मुख्यालय से अपनी मांग रखी है पर हमें कितना मिलता है या तो आने के बाद ही पता चलेगा.
साथ ही उन्होंने बताया कि शुक्रवार से एटीएम भी काम करेगा. मुरलीगंज के गोल बाजार में ही अवस्थित केनरा बैंक की शाखा में लगभग तीन करोड़ रूपया जमा किये गये, एक्सचेंज पंद्रह लाख रूपयों का हुआ है. मुरलीगंज के हाट रोड में अवस्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में लगभग आठ करोड़ रुपये जमा हुए है. वहीं बैंक ने 16 लाख रुपये के नोट बदले गये.
शाखा प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि पैसे हैं ही नहीं सिर्फ पुराने नोट जमा लिए जा रहे हैं. उसके नीचे अवस्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम को ठीक करने के लिए कर्मचारी लगे हुए थे. तकनीकी विशेषज्ञ ने बताया कि शुक्रवार तक एटीएम काम करना शुरू कर देगा. मुरलीगंज काशीपुर रोड अवस्थित सेंट्रल बैंक में लगभग पांच करोड़ जमा किये गये.
वहीं लगभग चालीस लाख रूपया के नोट बदले गये. सेंट्रल बैंक के एटीएम कल शाम में कुछ घंटे के लिए खोले गये थे. पर आज सारे दिन बंद रहा मुरलीगंज गोल बाजार अवस्थित स्टेट बैंक का एटीएम है. बिल्कुल ही बंद है. बैंक ऑफ इंडिया और कैनरा बैंक के एटीएम भी अभी काम नहीं कर रहे हैं. मुरलीगंज हॉट रोड में अवस्थित स्टेट बैंक का एटीएम नहीं काम कर रहा था. मुरलीगंज बैंगा नदी के उस पार टाटा इंडीकैश और सिनेमा हॉल चौक पर अवस्थित टाटा इंडिकेश एटीएम भी नहीं काम कर रहा था.
रुपये के अभाव में आम जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त : किसान रवि की खेती करने के लिए रूपए के अभाव में दुकानदारों के महाजनों के सामने गिड़गिड़ाते नजर आये. खाद और बीज के दुकानदार संतोष भगत ने बताया की हम एक रुपये की भी उधारी किसानों को नहीं दे सकते हैं. कल किसान नहीं दे तो हम कहां जायेगे. किसानों की रबी की खेती गेहूं और मक्का की खेती बुरी तरह प्रभावित हो गई है. क्योंकि नोट बदलने के लिए सिर्फ एक ही बार बैंक में अनुमति प्रदान की गयी है,
जबकि किसान सीताराम जी जो रजनी के हैं बताते हैं कि सिर्फ चार हजार में क्या होगा ना तो पूर्ण रूप से बीज उपलब्ध हो पायेगा, खाद, न ही खेत की जुताई संभव है. इस मुद्रा बंदी की नीति की दोहरीमार किसानों के पर ही है. वही संतोष भगत ने बताया कि हमारे खाद बीज की बिक्री मात्र 10% रह गई है. वही किसान केंद्र के प्रोप्राइटर गोपाल भूत का कहना है
कि हम उधारी कहां से दे संभव ही नहीं है. कैसी स्थिति में आज मुरलीगंज बाजार सुना – सुना नजर आ रहा था. किसी भी बैंक में पैसे नहीं थे सिर्फ सेंट्रल बैंक कुछ घंटों के लिए चल रहे थे. पेट्रोल पंप और दवा खाना में भी आज ग्राहकों की संख्या में काफी गिरावट आई थी. दवाई उधारी नहीं दिये जाने के कारण कितने ही मरीज वापस अपने घर लौट जाते थे. फतेहपुर के किसान गन्नु प्रसाद ने बताया कि व्यापारी हमारे तैयार किये हुए धान को भी नहीं उठा रहे हैं. कह रहे हैं कि नया पांच सौ और एक हजार का नोट हमारे पास नहीं है.
बैंक में डेढ़ महीने के नवजात शिशु को गोद में लिए बैंक में परेशान सा दिखे. हरिपुर कला निवासी गरीब दास ने बताया कि सुबह आठ बजे से ही लाइन में खड़ा हूं और अभी तक अपनी बारी का इंतजार कर रहा हूं. दो बजे बजने को है लेकिन अभी तक हमारा नंबर नहीं आया है. बहुत दिक्कत हो रही है कोई पांच सौ और एक हजार का नोट नहीं ले रहे हैं.
इस वजह से घर में राशन पानी का भी अभाव होता जा रहा है. भारतीय स्टेट बैंक गोल बाजार की शाखा में रुपया निकासी करने आये किसान बैजनाथ यादव ठाकुर पट्टी थाना जानकीनगर जिला पूर्णिया निवासी ने कहा अभी खेती का ताल है और सरकार ने उपर से यह मुसीबत लाकर खड़ी कर दी है. दिघी निवासी रामानंद यादव ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि धान तैयार कर रखा है और वह भी नहीं बिक रहा है. सेठ लोग बोलते हैं कि रूपया नहीं है अब खेती जस का तस पड़ा हुआ है. घर में शादी है
और बैंक रूुपया नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि शादी 25 नवंबर को तय हुई है. अब ऐसे में कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है. हम लोग तीन रोज से परेशान हैं बैंक का चक्कर लगा के वापस जाते हैं.
मुरलीगंज के सेंट्रल बैंक से उदास वापस लौट रहे मधेपुरा निवासी राजेंद्र जी ने बताया कि सुबह से लाइन में खड़े थे. और जब नंबर आया तो बैंक में कहा गया कि रूपया नहीं है और अब वापस जा रहा हूं. क्या करूं बड़े बड़े लोंगों की तो हरहाल में चांदी ही चांदी होती है. परेसान तो आम गरीब लोग होते है.
पुराने व खुल्ले पैसे के चक्कर में बंद होती हैं दुकानें : सिंहेश्वर/गम्हरिया . प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र की कई दुकानें अब धीरे धीरे बंद होती जा रही है. बाजार में पुराने नोट काफी संख्या में मौजुद है और पुराने नोट मालिक किसी भी तरह जल्द से जल्द इसे खपाना चाहते है. जिस वजह छोटे दुकानदारों को हर रोज काफी परेशानी होती है खासकर चाय, नास्ता, पान दुकान, छोटे होटल एवं अन्य छोटे दुकानदार जो दिनभर सामनों की बिक्री कर शाम में महाजनों को रुपये अदा है. उन छोटे दुकानदारों को उनके महाजनों की ओर से सख्त हिदायत होती है कि पुराने नोट लेकर ना आये.
लेकिन उन छोटे दुकानदारों को अक्सर दिनभर में कोई ना कोई पुराने पांच सौ या एक हजार के नोट थमा देता है जो कि उनके लिये जी का जंजाल साबित होता है. ग्राहक बस कहेंगे कि मेरे पास यही है और तुम्हें लेना होगा. इस स्थिति में या तो दुकानदार और ग्राहक के बीच लड़ाई हो जाती है या दुकानदार को रुपये को भुलना पड़ता है.
वहीं दुसरी तरफ बैंकों से खुदरें पैसे नही दिये जाने के कारण बाजार में हर तरफ सिर्फ दो हजार के नये नोट ही देखने को मिलते है. दुकानदार यहां भी परेशान होते है छोटे दुकानदारों की पुरे दिन की कमाई दो सौ – पांच तक की होती है. जिन्हें 10- 20 रुपये की सामानों के बदले दो हजार के नये नोट थमा दिये जाते है. अब दुकानदार को खुल्ले पैसे के आभाव में उनके वाजिब पैसों को भी छोड़ना पड़ता है. रोज – रोज के इस परिस्थिति में कई दुकानदारों ने अपने दुकानों को बंद कर दिया है.

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