शंकरपुर (मधेपुरा) : थाना क्षेत्र स्थित बेहरारी पंचायत के कोल्हुआ टोला से 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के गायब होने के बाद दो पक्षों में विवाद हो गया. हालांकि, आक्रोश को जिला प्रशासन ने स्थानीय बुद्धिजीवियों के सहयोग से नियंत्रित कर लिया. ऐतिहात के तौर पर मधेपुरा एसपी कुमार आशीष ने शंकरपुर बाजार में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को दंडाधिकारी के नेतृत्व में तैनात कर दिया है.
वहीं पुलिस नाबालिग लड़की को बरामद करने के प्रयास में लगातार छापेमारी कर रही है. रविवार को आशंका वश शंकरपुर बाजार की कुछ दुकानें बंद रही. लेकिन, स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है. शनिवार की शाम से ही एएसपी राजेश कुमार व अनुमंडल विकास पदाधिकारी संजय निराला शंकरपुर में दोनों पक्षों से वार्ता कर तनाव को खत्म करने की कोशिश में जुटे थे.
रविवार को भी वरीय अधिकारी मुस्तैद दिखे. वहीं मामले को लेकर गायब लड़की की मां ने शंकरपुर थाना में आवेदन दे कर सोनवर्षा पंचायत के डीएसपी टोला निवासी एक युवक पर अपनी पुत्री को बहला फुसला कर भगा ले जाने का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय लड़की गुरुवार की संध्या किसी काम से अपने घर कोल्हुआ से शंकरपुर बाजार आयी थी.
देर रात तक वह घर नहीं लौटी. परिवार के लोग यह सोच कर निश्चिंत रहे कि लड़की शंकरपुर बाजार स्थित अपने ननिहाल में रुक गयी होगी. लेकिन दूसरे दिन जब परिजनों द्वारा खोजबीन की गयी तो, लड़की के गायब होने का मामला उजागर हुआ. घटना की सूचना फैलते ही कुछ असामाजिक तत्व इस घटना को गलत रंग देते हुए लोगों को एक-दूसरे के प्रति भड़काना चाहा.
लेकिन स्थानीय बुद्धिजीवी और गणमान नागरिकों के कारण असामाजिक तत्व सफल नहीं हो सके. इस दौरान सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष सक्रिय हो गये. जिला पदाधिकारी मो सोहैल और एसपी कुमार आशीष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्काल शंकरपुर बाजार में अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात कर दिया. वहीं डीएम ने तत्काल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डाॅ यदुवंश यादव व कृषि पदाधिकारी बैजनाथ साहु को दंडाधिकारी तैनात करते हुए बाजार में शांति व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया.
वहीं एसपी ने पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर लड़की की सकुशल बरामदगी के लिए संभावित जगहों पर छापामारी करने का निर्देश दिया. रविवार की संध्या एएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने दो व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. शंकरपुर . शंकरपुर बाजार में नाबालिग लड़की के अपहरण के बाद उपजे तनाव पर नियंत्रण के लिए तत्काल जिला प्रशासन द्वारा दंडाधिकारियों के नेतृत्व में अतिरिक्त पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किये गये.
हालांकि इस दौरान बाजार सहित ग्रामीण इलाकों में अफवाहों का दौर चलता रहा. लेकिन बाजार में मुस्तैदी के साथ जुटे दंडाधिकारी डा यदुवंश यादव स्थानीय लोग को अफवाहों से बचने की सलाह दे रहे थे. छोटे – छोटे सवालों पर भी दंडाधिकारी मोबाइल का स्पीकर ऑन कर बात कर लोगों को संतुष्ट कर रहे थे.
दंडाधिकारियों की अथक मेहनत का नतीजा था कि देर शाम शंकरपुर बाजार में कई दुकानें अन्य दिनों की भांति सवाब पर थी. समाचार प्रेषण तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और शांतिपूर्ण था.