मोबाइल पर धमकी देने वाले गिरोह के उद्भेदन से पीड़ित लोगों की उम्मीद मधेपुरा पुलिस से जुड़ गयी है. ऐसे में इन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी और पैसे की वसूली भी मधेपुरा पुलिस को चुनौती के तौर पर लेना होगा.
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साइबर अपराधी मधेपुरा पुलिस की पहुंच से बाहर
मधेपुरा: सूबे के मंत्री व विधायकों को धमकी दे कर रंगदारी मांगने वाले अपराधियों को गत दिनों मधेपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आम लोगों को फोन कर उनके डेविट कार्ड का नंबर पूछ कर ऑन लाइन पैसे उड़ाने वाले आपराधिक गिरोह मधेपुरा पुलिस की पहुंच से बाहर है. ज्ञात हो गत दो […]
मधेपुरा: सूबे के मंत्री व विधायकों को धमकी दे कर रंगदारी मांगने वाले अपराधियों को गत दिनों मधेपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आम लोगों को फोन कर उनके डेविट कार्ड का नंबर पूछ कर ऑन लाइन पैसे उड़ाने वाले आपराधिक गिरोह मधेपुरा पुलिस की पहुंच से बाहर है.
ज्ञात हो गत दो साल के दौरान ऐसी दर्जनों घटनाएं घट चुकी है, लेकिन पुलिस शिकायत दर्ज करने के अलावा आज तक एक भी मामले का उद्भेदन नहीं कर पायी है. जबकि डेविट कार्ड से राशि उड़ाने वाले गिरोह भी मोबाइल फोन के जरिये ही साइबर क्राइम की इस घटना को अंजाम दे रहा है.
पिछले सप्ताह जिला मुख्यालय सहित सिंहेश्वर थाना क्षेत्र में इस तरह की तीन घटनाओं को अंजाम दिया गया. गत 22 जून को मधेपुरा में पदस्थापित वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद को 9507571614 नंबर से फोन आया़ उनके खाते से 57 हजार से अधिक रुपये का भुगतान कर दिया गया़ जब तक वह समझ पाते तब तक उनके मोबाइल पर खाते से राशि निकासी होने संबंधी एसएमएस आ चुका था़ उन्होंने सदर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी , लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है़ इस तरह साइबर अपराधियों के चपेट में अब तक जिले के सैकड़ों लोग फंस गये हैं, लेकिन पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामला साइबर थाना पटना तक मामला ट्रांसफर करने के अलावा और कुछ नहीं कर पाया है.
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