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भड़के केमिस्ट,बंद रहीं दवा की दुकानें

मधेपुरा : राज्य भर के खुदरा व थोक दवा दुकानों की फार्मासिस्ट की उपलब्धता व तकनीकी गलती के नाम पर विभागीय उत्पीड़न व शोषण के विरोध में बुधवार से जिले की सभी दवा दुकानें बंद रही यह हड़ताल 24 जनवरी तक चलेगी. दुकानें बंद रहने से आमलोगों के साथ ही मरीजों को खासा परेशानी का […]

मधेपुरा : राज्य भर के खुदरा व थोक दवा दुकानों की फार्मासिस्ट की उपलब्धता व तकनीकी गलती के नाम पर विभागीय उत्पीड़न व शोषण के विरोध में बुधवार से जिले की सभी दवा दुकानें बंद रही यह हड़ताल 24 जनवरी तक चलेगी. दुकानें बंद रहने से आमलोगों के साथ ही मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि तीन दिनों की बंदी के दौरान जिले के लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए शहर की चार दवा दुकानें व प्रखंड में भी आकस्मिक सेवा के लिए कुछ दवा दुकान खुली रही.

इस बाबत केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष किशोर कुमार ने कहा कि फार्मासिस्ट समस्या का जब तक सरकार के द्वारा समाधान नहीं हो जाता है, तब तक विभाग द्वारा जारी किये गये सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान इस नियम की आड़ में विभागीय उत्पीड़न व शोषण को बंद किया जाए व इस नियम के आलोक में किये गये विभागीय कार्रवाई के उपर राहत दिया जाय.
संघ का अगला आंदोलन अनिश्चितकालीन बंदी के रूप में होगा : मधेपुरा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव मनीष कुमार सर्राफ ने कहा कि दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित फॉर्मेट के अनुसार ही होना चाहिये. निरीक्षण के लिए जारी की गयी विभागीय पत्र को अभिलंब निरस्त किया जाये.
निरीक्षण के क्रम में पाये गये तकनीकी गलतियों के ऊपर दंडित करने के पहले उसे सुधार के लिए उचित समय दिया जाये. राज्य की दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता व पारदर्शिता बनी रहे. इसके लिये विभाग की ओर से एक दिशा निर्देश जारी किया जाये. इसकी पूरी जानकारी राज्य के केमिस्टों को हो.
अनुज्ञप्ति के नवीकरण में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया. विभागीय निरीक्षण का उद्देश सुधार करने का होना चाहिए, न कि उसके नाम पर उत्पीड़न व शोषण किया जाये. इसके बावजूद सरकार के द्वारा मांगों पर उचित निर्णय नहीं किया जाता है तो संघ का अगला आंदोलन अनिश्चितकालीन बंदी के रूप में होगा.
दवा दुकानें बंद रहने के कारण लोगों को करना पड़ा कठिनाइयों का सामना : मधेपुरा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर तीन दिवसीय दवा दुकान हड़ताल होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि संघ के द्वारा जिला मुख्यालय समेत सभी प्रखंडों में आकस्मिक सेवा के लिए दवा दुकान खुली रही, लेकिन जानकारी के अभाव के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. मरीज व उनके परिजन शहर में दरबदर भटकते नजर आये. एक दूसरे से दवा दुकानों की जानकारी लेते नजर आये. शहर की आधी से ज्यादा आबादी निजी क्लिनिक व निजी दवा दुकानों पर आश्रित रहती हैं.
निजी क्लिनिक पर इलाज कराने पहुंचे मरीजों व उनके परिजनों ने बताया कि इलाज तो हो गया, लेकिन दवाई मिलने में परेशानी हो रही है, क्योंकि अधिकांश का यह देखा जाता है कि जिस डॉक्टर के पास मरीज का इलाज हुआ है, उसी आसपास के दवाई दुकान में दवाई उपलब्ध रहती है. डॉक्टर के द्वारा बतायी गयी दवाई नहीं मिलने के कारण मरीजों को भी परेशानी हो रही है.
हड़ताल पर गये दवा दुकानदार : आलमनगर. केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर प्रखंड क्षेत्र के सभी दवा दुकानदार ने मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर गये. मौके पर संघ के प्रखंड अध्यक्ष डॉ नंदलाल ठाकुर ने बताया कि दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित के अनुसार ही होना चाहिए.
विभागीय निरीक्षण का आधार सुधार करने के लिए होना चाहिए. मौके पर कोषाध्यक्ष शंकर कुमार सुरे, पंकज कुमार, पप्पू सिंह, नंदन झा श्रवन अग्रवाल, विकास कुमार सिंह, अभिमन्यु सिंह, छोटू दास, मनीष सिंह, मंटू सिंह मुकेश कुमार सुरेका, विश्वजीत कुमार सिंह आदि शामिल थे.
सरकारी आदेश को वापस लेने की मांग
कुमारखंड. सरकार द्वारा दवा दुकान संचालन करने के लिए फार्मासिस्ट की नियुक्ति के विरुद्ध बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर प्रखंड के दुकानदारों का तीन दिवसीय हड़ताल बुधवार से शुरू हो गया. इस प्रखंड समेत अन्य बाजारों में संचालित दवा दुकान बंद रही.
इस दौरान प्रखंड मुख्यालय के पोपुलर फर्मा के संचालक जीवन कुमार सिंह, शंकर मेडिकल हाल के रवि सिंह, न्यू अंबे मेडिकल एजेंसी के संतोष कुमार, माही मेडिकल के मिहिर कुमार झा, पूजा मेडिकल के प्रदीप कुमार, शिवानी ड्रग स्टोर के सौरभ कुमार, जयंत मेडिकल के जयंत कुमार समेत चंद्र किशोर कुमार, संतोष कुमार, दीपक कुमार, नीतीश कुमार, सुदर्शन कुमार, रजनीश कुमार, बंटी कुमार समेत अन्य दुकानदारों ने सरकारी आदेशों को वापस लेने तक दुकान बंद रखने का निर्णय लेते हुए अन्य दुकानों को भी घूम-घूम कर बंद कराया.
मरीज के परिजन ओम सिंह ने बताया कि दवाई दुकान बंद करने के कारण परेशानी हुई, जो दवाई दुकान खुली थी वहां जाने के बाद डॉक्टर के द्वारा बतायी गयी दवाई नहीं मिली. वहीं जिस दुकान में हमेशा दवाई उपलब्ध होती थी, वह दुकान बंद रहने के कारण दिक्कत का सामना करना पड़ा.
अकरामुल ने बताया कि अम्मी की इलाज कराने के लिए बाहरी निजी क्लिनिक गये थे. वहां से जब दवाई लिखी गयी तो बहुत सारी मेडिकल बंद रहने के कारण दवाई लेने में असुविधा हुई.
सनोज कुमार ने बताया कि निजी क्लिनिक में इलाज करवाने के लिये गये थे. जब डॉक्टर ने दवाई लिखा तो काफी दवाई दुकान बंद रहने के कारण दिक्कतें हुई.
अशोक कुमार ने बताया कि दवाई नहीं मिलने के कारण परेशानी हो रही थी. निजी क्लिनिक में इलाज कराने के लिये गये. वहां की दवा दुकान बंद रहने के कारण दुकानों की चक्कर लगाना पड़ा.
शोषण के खिलाफ दवा दुकान बंद
सिंहेश्वर. सिंहेश्वर के सभी दवा दुकान सात सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को बंद रही. जिससे जरूरत मंद लोगों को दवा के लिए काफी भटकना पड़ा. मालूम हो कि केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के द्वारा तीन दिवसीय बंदी के निर्णय के बाद बुधवार को सभी दवा दुकानदारों ने अपने-अपने दुकान बंद कर मेन चौक पर स्थित नीरज मेडिकल एजेंसी के आगे एसोसिएशन के बैनर तले बैठक की.
इसकी अध्यक्षता प्रखंड के ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि विभागीय अधिकारी के द्वारा शोषण किया जाना सहित विभिन्न मांगों को अगर सरकार नहीं मानती है, तो तीन दिवसीय बंदी के बाद भी सरकार के विरोध में हड़ताल किया जायेगा. हालांकि सिंहेश्वर में इमरजेंसी सेवा के लिए दो दवा दुकान सिंहेश्वर मेडिकल व अमित मेडिकल खुला रहेगा.
ताकि अपातकालीन मरीजों को सेवा दी जा सके. ताकि गंभीर बिमारी से पीड़ित मरीजों को दवा के अभाव में किसी प्रकार का नुकशान न हो. बैठक में चंद्र शेखर चौधरी, अशोक कुमार भगत, जवाहर झा, हीरा झा, अजीत सिंह, अमर कुमार, सचिदानंद चौधरी, कौशल किशोर सिंह, कैलाश सिंह, श्रवण अग्रवाल आदि मौजूद थे.

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