मधेपुरा : गुरुवार को आरपीएम डिग्री कॉलेज तुनियाही मधेपुरा में मैथिली विभाग द्वारा जनकवि बैद्यनाथ मिश्र यात्री व साहित्यिक अवदान विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता सत्यजीत यादव ने की. सेमिनार का आयोजन मैथिली विभागाध्यक्ष डा यशवंत कुमार ने किया. मुख्य अतिथि टीपी कॉलेज मधेपुरा के अवकाश प्राप्त मैथिली विभाग के विद्वान प्रो जगदीश नारायण प्रसाद उपस्थिति थे. सेमिनार में मैथिली विभाग के व्याख्याता प्रो अमरेंद्र कुमार, डा सत्येंद्र कुमार, डा सत्यनारायण यादव व प्रो सुभाष चंद्र यादव सहित कॉलेज के अन्य व्याख्याता व बड़ी संख्या में छात्र -छात्राओं ने भाग लिया.
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए डा यशवंत कुमार ने प्रतिवादी कवि वैद्यनाथ मिश्र यात्री के द्वारा मैथिली साहित्य में अविस्मरणीय योगदान व साहित्य में नव नूतन प्रयोग की चर्चा की व यात्री जी द्वारा साहित्य में बाल विवाह, नारी की दुर्दशा व दलित वर्ग के प्रति समाज को आंदोलन करना ही उनके साहित्य की मुख्य अवदान है. यात्री जी के हिंदी साहित्य में अपनी अहम भूमिका के कारण ही नागार्जुन के नाम से जाने जाते हैं. यात्री जी मार्क्स के सिद्धांत का अनुसरण करते थे. मुख्य अतिथि प्रो जगदीश नारायण प्रसाद ने उनके जीवन व साहित्यिक अवदान के विषय में विचार व चर्चा की. उन्होंने विभिन्न उपन्यास कहानी व कविता में वर्णित विचार को उद्धृत कर कविता के माध्यम से यात्री जी की विद्वता की व्याख्यान की. उपस्थित प्रभारी प्राचार्य गंगाधर यादव ने भी अपने विचार रखे. विभाग के व्याख्याताओं ने अपने अपने विचारों को रखें . मैथिली भाषा की व्यंग कविता को सुन सभी आनंदित हो गए. सेमिनार में कॉलेज के अन्य विभाग के व्याख्याता डा रविंद्र यादव, बेचन यादव, नीलाकांत, अरुण यादव, वैद्यनाथ यादव, अभिनंदन प्रसाद, प्रकाश कांत झा, अनिल कुमार, अरविंद कुमार आदि उपस्थित थे.